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प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश न लगाया जाए : एमपीसीसीआई कोरोना के बढते प्रभाव के कारण शासन एवं प्रशासन द्बारा लगाई गई पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने के चलते एमपीसीसीआई ने मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृहमंत्री-डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सांसद-श्री विवेक नारायण शेजवलकर को लिखा पत्र ग्वालियर २७ मार्च| म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा कोरोना के बढते प्रभाव के कारण शासन एवं प्रशासन द्बारा लगाई गई पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने के चलते मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृहमंत्री-डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सांसद-श्री विवेक नारायण शेजवलकर को पत्र प्रेषित किये गये हैं| एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया है कि कोरोना की एक महाबीमारी के रूप में पूरी दुनिया में पहचान रही है और भारत वर्ष में इसको एक वर्ष पूर्ण होकर यह दूसरा वर्ष है| प्रथम वर्ष में न तो इस बीमारी से कोई परिचय था और न ही कोई वैक्सीन थी| परिणामत: लॉकडाउन ही एक मात्र सहारा था, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश को न्यूनतम जनहानि के साथ इस महाबीमारी का हमने सामना भी किया और जब-जब जो निर्णय शासन द्बारा लिये गये उसमें पूर्णत: सहभागिता भी की| वर्तमान में कोरोना का द्बितीय चरण प्रारंभ हुआ है और उसकी गति भी तीव्र हुई है लेकिन सुखद पहलू यह है कि अब हमें इससे निपटने का अनुभव भी आ गया है और वैक्सीनेशन में भी दुनिया में हमने उल्लेखनीय स्थान प्राप्त किया है| पिछले साल कोरोना में लगभग ७५ दिन से भी ज्यादा लॉकडाउन की वजह से उद्योगपति, व्यापारी, श्रमिक, दैनिक वेतन भोगी और दिहाड़ी मजदूरों पर इसका आर्थिक रूप से बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था जिससे वह आज तक उबर नहीं पाये हैं| ऐसी स्थिति में अगर हम ऐसे निर्णय लेंगे जिससे इन गतिविधियों पर बंदिश रहेगी तो अबकी बार जो आर्थिक मार इस वर्ग पर पड़ेगी तो उससे बहुत असमंजस की स्थिति होगी वह तय नहीं कर पायेगा कि इन्हें मानें, इन्हीं नहीं मानने के लिए लड़े, या मिट जाये, जिसकी वजह से हमारे प्रदेश की जो आर्थिक स्थिति है वह भी प्रभावित होगी| वहीं इन्हीं कारणों से प्रदेश में आपराधिक ग्राफ में भी तेजी से वृद्घि होगी| पिछले कोरोना काल से हमने यह सबक सीखा है कि मास्क इससे बचाव का एक बेहतर विकल्प है जिससे हम कोरोना से स्वयं बच सकते हैं व दूसरों को बचा भी सकते हैं| जब-जब माननीय मुख्यमंत्री जी द्बारा एवं उनके द्बारा निर्देशित विभिन्न जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों द्बारा बंदिशें लगाये जाने के निर्णय लिये जाते हैं उसके पालन में पूरी सरकारी मशीनरी लग जाती है तब जाकर उसका पालन संभव हो पाता है| एमपीसीसीआई ने पत्र के माध्यम से निम्नलिखित सुझाव प्रेषित किए हैं:- १. मास्क ही बचाव है तो जो सरकारी मशीनरी हम बंदिशों का पालन करवाने के लिए लगाते हैं वह पूरी मशीनरी, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, सामाजिक-व्यवसायिक संगठनों से आव्हान करके हम कड़ाई से मास्क पहनाना सुनिश्चित करें, जिससे लॉकडाउन का निर्णय लेना ही नहीं पड़ेगा| २. पिछले कोरोना काल में एक माह के लिए ही विवाह के मुहूर्त थे और कोरोना की बंदिशों के कारण वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न नहीं हो सके थे| इसके विपरीत यह बात भी तय है कि जब-जब विवाह के मुहूर्त होते हैं, तब-तब व्यापार-उद्योग बहुत तेजी से प्रगति करते हैं| एक वर्ष बाद जून माह तक पुन: विवाह मुहूर्त २३ अप्रैल से प्रारंभ होने जा रहे हैं, ऐसी अवस्था में वैवाहिक कार्यक्रम में अधिकतम ५० व्यक्तियों की संख्या निर्धारित करना, यह सबसे बड़ा आर्थिक गतिविधियों के लिए बाधा वाला निर्णय है| इसके विपरीत मंडियों में, अस्पतालों में, सरकारी रेवेन्यू कार्यालयों में, जनप्रतिनिधियों के मुख्यातिथ्य में होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में इससे अधिक संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है| इसलिए हम इस पर पुनर्विचार करते हुए कोविड-१९ के सुरक्षा के उपाय की बाध्यता के साथ मैरिज गार्डन व उसमें खुले मैदान की क्षमता का ५०% की अनुमति प्रदान की जाना चाहिए और इसका कड़ाई से पालन हो यह सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया जाना चाहिए| ३. जिम, सिनेमा, कोचिंग, स्विमिंग पूल जो विगत १०-११ माह बंद रहे हैं| वह कुछ दिवस पूर्व ही ५० प्रतिशत क्षमता के साथ प्रारंभ हुए थ| अब पुन: इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है| इन व्यवसाय से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है| यदि इन्हें फिर लंबे समय तक के लिए बंद किया गया तो यह इण्डस्ट्री पूरी तरह खत्म हो जायेगी, जिसके दूरगामी परिणाम बहुत घातक होंगे| इसलिए जिम, सिनेमा, कोचिंग, स्विमिंग पूल को भी ५० प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने का निर्णय लिया जाना चाहिए| ४. शहर के अंदर यदि किसी एक विशेष दिन हम लॉकडाउन लगाते हैं तो उस शहर में साप्ताहिक अवकाश नहीं रहेगा इसका भी स्पष्ट उल्लेख करना चाहिए| ५. किसी भी शहर में एक दिन से ज्यादा दिन के लिए लॉकडाउन का निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए| ६. कोरोना के जो पॉजिटिव मरीज निकल रहे हैं उनकी हिस्ट्री को संकलित कराकर हमारे प्रदेश में कोरोना फैलने के प्रमुख कारण को रेखांकित किया जाना चाहिए| जहां तक हमारे द्बारा जानकारी के आधार पर जो निष्कर्ष लिया गया है उसके मुताबिक एक राज्य से दूसरे राज्य, एक शहर से दूसरे शहर व एक देश से दूसरे देश जाने के कारण कोरोना के ग्राफ में वृद्घि हुई है| अगर यह जानकारी कोरोनों मरीजों की हिस्ट्री से निकलकर आती है तो एक राज्य से दूसरे राज्य, एक शहर से दूसरे शहर व एक देश से दूसरे देश जाने पर बंदिशें लगाई जाना चाहिए| ७. इसके साथ ही एक निर्णय पूरे प्रदेश के लिए यह लिया जा सकता है कि रात्रि में बाजार (मेडिकल, खानपान, इमरजेंसी सेवायें को छोड़कर) ९ बजे बंद कर दिये जायें| ८. एक महत्वपूर्ण सुझाव यह भी है कि मुख्यमंत्री जी स्वयं वेबिनार के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक, व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों से उनकी परेशानियां व उनके सुझावों को जानें, जिससे प्रदेश के हित में बेहतर निर्णय लिया जा सके|

ग्वालियर व्यापार मेला में वाहनों पर आरटीओ शुल्क में 50% छूट की अवधि 15 अप्रैल तक की जाए ः एमपीसीसीआई प्रदेश के मुख्यमंत्री-माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसदद्वय-माननीय श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं माननीय श्री विवेकनारायण शेजवलकर सहित परिवहन व राजस्व मंत्री, म. प्र. शासन-माननीय श्री गोविन्द सिंह राजपूत को लिखे पत्र ग्वालियर, 27 मार्च । ग्वालियर व्यापार मेला को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण बंद किए जाने के आदेश जारी किए जाने का एमपीसीसीआई द्वारा विरोध करते हुए, आज प्रदेश के मुख्यमंत्री-माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसदद्वय-माननीय श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं माननीय श्री विवेकनारायण शेजवलकर सहित परिवहन व राजस्व मंत्री, म. प्र. शासन-माननीय श्री गोविन्द सिंह राजपूत को पत्र लिखकर माँग की है कि * वाहनों की दि. 15 अप्रैल तक के विक्रय पर 50% की छूट प्रदान की जाए । इस आशय का संशोधित आर.टी.ओ. संबंधी आदेश प्रसारित किया जाए । * मेले को सेक्टर वाइज बंद करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाए । * जो दुकानदार मेला में दि. 15 अप्रैल से पूर्व अपना व्यवसाय समेटते हैं, उन्हें उनके 15 अप्रैल तक के किराए एवं बिजली के बिल की राशि आनुपातिक रूप से उनको वापिस की जाए अथवा आगामी वर्ष की बुकिंग में समायोजित किए जाने संबंधी आदेश जारी किए जाएँ । एमपीसीसीआई, अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति मे कहा है कि पूर्व में म. प्र. परिवहन विभाग द्वारा मेला अवधि दि. 15 अप्रैल,21 तक ग्वालियर व्यापार मेला से क्रय किए जाने वाले वाहनों को आरटीओ शुल्क में 50% की छूट दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे । उक्त आदेश को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर वासियों द्वारा विभिन्न प्रकार के वाहन बुक किए गए हैं और उन वाहनों की डिलेवरी आगामी 15 अप्रैल तक होने वाली है । बावजूद इसके मेला को 28 मार्च से बंद किए जाने का आदेश समझ से परे है । पदाधिकारियों ने कहा है कि यह बात सही है कि कोरोना के द्वितीय लहर का प्रभाव बढ़ रहा है, लेकिन सकून इस बात का है कि अब यह महामारी अपरिचित नहीं है । इसके बारे में हमारे डॉक्टर और आमजन परिचित हुए है । यह भी सही है कि कोरोना कभी खत्म होने वाला नहीं है । अब हमें कोरोना के साथ ही जीना सीखना है और यदि इस द्वितीय लहर की कोरोना में मृत्यु की डेथ ऑडिट करवाएँगे, तो और बेहतर निष्कर्ष पर हम पहुँच सकते हैं । एमपीसीसीआई द्वारा भेजे गए पत्रों में उल्लेख किया गया है कि ग्वालियर व्यापार मेला को लेकर प्रारम्भ में चूंकि यह घोषणा की गई थी कि मेला अवधि दो माह की होगी, यानि की दि. 15 अप्रैल,21 तक की रहेगी । कोरोना की द्वितीय लहर को ध्यान में रखते हुए, जब जिलाधीश द्वारादि. 22 मार्च को जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें संस्था के मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल उपस्थित थे । उक्त बैठक में यह तय हुआ था कि व्यापारियों के हितों को संरक्षित करते हुए, मेला को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा, परन्तु जो आदेश जारी हुआ है, उसमें सेक्टर वाइज बंद न करते हुए सम्पूर्ण मेला को बंद करने का उल्लेख है । जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि कई सेक्टर के व्यवसाई ऐसे हैं, जिनकी दुकानें अथवा शोरूम कुछ दिवस पूर्व ही तैयार हुए हैं । इसलिए मेला को चरणबद्ध रूप में बंद किया जाना आवश्यक है । पदाधिकारियों ने कहा है कि, ग्वालियर व्यापार मेला में आरटीओ छूट का जो आदेश निकाला गया है, उसमें मेला अवधि का उल्लेख करते हुए, मेला अवधि तक छूट दिए जाने का उल्लेख है और माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मेला उद्घाटन के अवसर पर इसकी अवधि निर्धारित की गई थी, वह 15 फरवरी से 15 अप्रैल,21 तक थी । अतः जिन लोगों को वाहन की आवश्यकता है, उन्होंने 15 अप्रैल तक के वाहनों की उपलब्धता के आधार पर अपनी बुकिंग कराई है । अतः इस आदेश में मेला अवधि के स्थान पर दि. 15 अप्रैल तक के बिके वाहनों पर 50% आरटीओ की छूट का उल्लेख करते हुए आदेश निकाले जाने की आवश्यकता है ।

होली के त्यौहार को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक आयोजित एमपीसीसीआई की ओर से मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल हुए बैठक में शामिल ग्वालियर २७ मार्च| म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) की ओर से क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई है| बैठक में मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी से हम पिछले एक साल से संघर्ष कर रहे हैं और हमें इस कोरोना के साथ ही अपना जीवनयापन करना है| इसलिए आवश्यक है कि कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों को नहीं रोका जाये| आपने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने ‘मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा’ का जो मंत्र दिया है और विशेषज्ञों का भी कहना है कि मास्क लगाने से कोरोना से बचा जा सकता है इसलिए जिस प्रकार प्रशासन एवं पुलिस महकमा लॉकडाउन को प्रभावी बनाने के लिए मेहनत करता है, उसी प्रकार यदि हम सब मिलकर यह तय कर लें कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं रहेगा तो शहर में लॉकडाउन की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी| इससे हम कोरोना से नागरिकों का न केवल बचाव कर सकते हैं बल्कि शहर की आर्थिक गतिविधियों को भी सुचारू रख सकते हैं| इससे लोगों का जीवन भी बचेगा वहीं रोजगार व व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा आपने बैठक में कहा कि रंगों के त्योहार होली के लिए छोटे व्यापारी व ठेला चलाकर अपना गुजारा करने वाले व्यक्ति रंगों व पिचकारियों का सामान कर्ज लेकर आते हैं और इसे विक्रय कर अपना जीवनयापन करते हैं| रविवार के दिन प्रशासन द्बारा लॉकडाउन की घोषणा करने से इन व्यक्तियों का आर्थिक नुकसान होगा और शहरवासियों को भी परेशानी होगी| इसलिए आवश्यक है कि रंग-गुलाल, पिचकारी, नमकीन, मिठाई, बेकरी, फल, दूध, सब्जी आदि खाद्य पदार्थों की दुकानों को रविवार को खोला जाए| इससे लोग सोमवार के दिन होली का त्यौहार घर पर आसानी से मना सकेंगे| आपने सुझाव दिया कि ग्वालियर व्यापार मेला में दुकानदारों को अपना सामान समेटने के लिए ३१ मार्च तक की छूट दी जाना चाहिए| इसके साथ ही यदि वाहनों के पंजीयन शुल्क में ५०% की छूट भी शासन प्रदान करे तो बेहतर होगा| इससे शादियों के लिए वाहन लेने वालों को फायदा होगा और शासन को भी राजस्व की प्राप्ति होगी| आपने कहा कि प्रशासन द्बारा शादियों में लोगों की संख्या को अभी से ही सीमित कर दिया गया है जबकि शादियों का सीजन २३ अप्रैल से प्रारंभ होगा| प्रशासन द्बारा शादी में मेहमानों की संख्या अभी से ही तय करने से जिन घरों में शादियां हैं, वह परेशान हैं| इसके साथ ही मैरिज गार्डन संचालक, हलवाई, बैण्ड वाले, शादी से जुड़ी वस्तुओं का व्यापार करने वाले एवं इन शादियों में श्रमिक के रूप में अपनी सेवायें देने वाले भी अपनी आजीविका को लेकर मानसिक रूप से परेशान हैं| विगत वर्ष भी लॉकडाउन होने से शादियों से जुड़ा कारोबार करने वाले व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ था और उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ा था| मैरिज गार्डन संचालकों को तो बुकिंग की राशि वापिस करनी पड़ी थी और वह कर्ज में डूब गये थे| इस वर्ष भी यदि ऐसा ही हुआ तो यह लोग बर्वाद हो जायेंगे| इसलिए आवश्यक है कि शादियों के लिए गाइडलाइन बनाने से पूर्व उस समय कोरोना की स्थिति को लेकर निर्णय लिया जाना चाहिए| आपने बैठक में सुझाव दिया कि आज की बैठक में केवल होली के त्यौहार को लेकर गाइडलाइन शहरवासियों की सुविधा एवं सुरक्षा को देखते हुए निर्धारित करें तथा होली के त्यौहार के अगले दिन यानि मंगलवार को कलेक्टर सभागार में पुन: क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक ऑनलाइन नहीं समक्ष में बुलाएं ताकि कई लोग सिग्न आदि न मिलने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पा रहे हैं वह अपनी बात समक्ष में उपस्थित होकर रख सकें|

एक हजार किलोवाट तक के सोलर संयंत्र पर नेट मीटरिंग का लाभ दिया जाए : एमपीसीसीआई केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-श्री आर.के. पुरी जी एवं राज्यसभा सदस्य-श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया को लिखा पत्र ग्वालियर 24 मार्च| म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा इलेक्ट्रिसिटी(राइट्स ऑफ कंज्यूमर्स) रूल्स 2020 जो कि 31 दिसम्बर,2020 को अधिसूचित किये गये हैं| इसके नियम 11(4) में दिये गये प्रावधान के संबंध में केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-श्री आर.के. पुरी एवं राज्यसभा सदस्य-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को पत्र प्रेषित किया गया है| एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया है कि भारत सरकार द्बारा इलेक्ट्रिसिटी(राइट्स ऑफ कंज्यूमर्स) रूल्स 2020 जो कि 31 दिसम्बर,2020 को अधिसूचित किये गये हैं| इसके नियम 11(4) में दिये गये प्रावधान के संबंध में निम्नानुसार आपत्ति/सुझाव पत्र के माध्यम से प्रेषित किये गये हैं:- 1. यह कि, उक्त नियम में छत पर 10 किलोवाट क्षमता तक का सोलर संयंत्र लगाने पर नेट मीटरिंग का लाभ दिया जाना प्रस्तावित किया गया है, जबकि इससे अधिक क्षमता के सोलर संयंत्र पर इसका लाभ नहीं दिया जायेगा| 2. यह कि, केन्द्र द्बारा ‘‘आत्मनिर्भर’’ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जबकि उक्त प्रस्तावित संशोधन उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी पर निर्भर करने के लिए प्रोत्साहित करता है| 3. यह कि, सरकार द्बारा सोलर एनर्जी को बढावा देने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं ताकि देश के सीमित संसाधनों पर हमारी निर्भरता कम हो सके| जहां एक ओर देश में पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढाने के लिए प्रयास किया जा रहा है, वहीं विद्युत की खपत को कम करने के लिए सोलर एनर्जी के प्रयोग को बढाने के प्रयास भारतवर्ष में किये जा रहे हैं, लेकिन उक्त प्रावधान से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा| 4. सोलर संयंत्र मुख्यत: बहुमंजिला इमारतों, वाणिज्यिक संस्थाओं एवं औद्योगिक इकाईयों द्बारा लगाये जाते हैं, ताकि एकमुश्त निवेश कर ऊर्जा जरूरतों पर लगने वाली लागत को कम किया जा सके| वहीं उत्पादित विद्युत को वितरण कंपनी को विक्रय कर विद्युत बिल में भी राहत मिल सके| 5. यह कि 10 किलोवाट क्षमता तक नेट मीटरिंग का लाभ दिये जाने का प्रावधान बहुमंजिला इमारतों, वाणिज्यिक संस्थाओं एवं औद्योगिक इकाईयों द्बारा नये सोलर संयंत्र स्थापित करने में अवरोधक का कार्य करेगा| एमपीसीसीआई द्बारा पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि विद्युत पर निर्भरता को कम करने तथा सोलर ऊर्जा के प्रयोग को बढावा देने के लिए आवश्यक है कि प्रस्तावित संशोधन को समाप्त कर, 1000 किलोवॉट तक के सोलर संयंत्र पर नेट मीटरिंग का लाभ उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाये, ताकि माननीय प्रधानमंत्री की मंशा अनुरूप हम ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की ओर कदम बढा सकें|
एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष, स्व. श्री गोविन्ददास अग्रवाल जी के निर्वाण पर व्यापार-उद्योगजगत् ने ‘चेम्बर भवन’ में अर्पित किए श्रद्धासुमन ग्वालियर, 23 मार्च । एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष, स्व. श्री गोविन्ददास अग्रवाल जी के निधन पर आज, सायं 4.00 बजे श्रीयुत् डी. पी. मण्डेलिया सभागार (चेम्बर भवन) में विनम्र श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया । श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री-माननीय श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित शहर के अनेक व्यवसायिक संगठनों के पदाधिकारियों व उद्योगपतियों ने उपस्थित होकर, एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष, स्व. श्री गोविन्ददास जी अग्रवाल को श्रद्धासुमन अर्पित किए । श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री-माननीय श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष, स्व. श्री गोविन्ददास जी अग्रवाल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहाकि परम् श्रद्धेय स्व. श्री गोविन्ददास जी अग्रवाल को मैं, नमन करता हूँ । मैने, उन्हें व्यापारी व समाजसेवी के रूप में सदैव देखा है । मैंने उनमें कभी हताशा नहीं देखी । ऐसे महान व्यक्ति को मैं सादर प्रणाम करता हूँ-नमन करता हूँ । एमपीसीसीआई, अध्यक्ष-श्री विजय गोयल ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहाकि जब भी कोर्ई अपना बिछड़ता है, तो विछोह के दुःख का सामना हमें करना ही पड़ता है, परन्तु हमें, परम आदरणीय स्व. श्री गोविन्ददास जी अग्रवाल द्वारा बताए गए रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए और व्यापारिक-औद्योगिक समाज सहित सभी वर्ग के कल्याण के लिए सदैव कार्य करना चाहिए । आपने कहाकि आज एक महान् आत्मा हमारे बीच नहीं है । ईश्वर हम सभी को उनके विछोह का दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें, यही मेरी परम् पिता परमेश्वर से कामना है । पूर्व अध्यक्ष-डॉ. वीरेन्द्र कुमार गंगवाल ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहाकि स्व. श्री गोविन्ददास जी अग्रवाल अपने आचरण से काफी जुझारू थे । वह किसी भी संकट से निपट लेते थे । उनका सदैव अपनत्व मिलता था । हमारे एवं उनके परिवार का समन्वय सदैव रहा है । पूर्व उपाध्यक्ष-श्री जी. एल. भोजवानी ने कहाकि आज बहुत ही दुःखद अवसर है । आज यह महसूस करना कि वह हमारे बीच नहीं है, बहुत ही मुश्किल हो रहा है । ग्वालियर में उन्हें सदैव बड़े ही आदर से याद किया जाएगा । दाल बाजार व्यापार समिति के सचिव-श्री मनीष बांदिल ने कहाकि मुझे चाचा जी से काफी कुछ सीखने को मिला है । वह व्यापारियों सहित मजदूरों के भी काफी हमदर्द थे । दी ग्वालिरर होलसेल क्लॉथ मर्केन्टाइल एसोसिएशन के सचिव-श्री विजय जाजू ने कहाकि स्व. श्री गोविन्ददास जी अग्रवाल कभी भी किसी को छोटा नहीं समझते थे और वह सभी से काफी स्नेह के साथ व्यवहार करते थे । लोहिया बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष-श्री संजय कट्ठल ने कहाकि वह सभी को बराबर का आदर देते थे । एमपीसीसीआई के संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहाकि मेरे व मेरे परिवार के बीच काफी स्नेह रहा है । मेरे पूज्य पिताजी और आदरणीय स्व. श्री गोविन्ददास अग्रवाल जी के मध्य काफी घनिष्टता थी । हमारे परिवारों के मध्य स्नेह आगे भी सदैव बना रहेगा, इसका मुझे विश्वास है । मैं, हृदय के अन्तःकरण से अपनी व अपने परिवार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ । उपाध्यक्ष-पारस जैन ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहाकि वह मेरे मार्गदर्शक थे । उन्होंने प्रत्येक कर्त्तव्य व दायित्व का पूरी जिम्मेदारी से सफलता पूर्वक निर्वाहन किया । वह व्यापारियों के काफी हितेशी थे । उनकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं है । श्रद्धांजलि सभा में मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल, कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल सहित श्री अचलेश्वर ट्रस्ट के अध्यक्ष-श्री हरिदास अग्रवाल, कांग्रेस के प्रदेश सचिव-श्री दुष्यंत साहनी, मेला व्यापारी संघ के सचिव-श्री महेश मुदगल, दाल बाजार व्यापार समिति के पूर्व अध्यक्ष-श्री महेन्द्र साहू, चेम्बर के पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिवद्वय-श्री जगदीश मित्तल एवं डॉ. प्रकाश अग्रवाल सहित काफी संख्या में व्यवसाई एवं उद्योगपतियों ने अपनी वाणी से श्रद्धांजलि अर्पित की । श्रद्धांजलि सभा का संचालन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्वारा किया ।
एमपीसीसीआई में सम्पत्ति कर शिविर आयोजित निगम के खजाने में जमा हुए 27 लाख 50 हजार रूपये ग्वालियर 23 मार्च| म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा आज सम्पत्ति कर शिविर का आयोजन ‘चेम्बर भवन’ में प्रात: 11 बजे से 1.00 बजे तक किया गया| शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम आयुक्त-श्री शिवम वर्मा, अपर आयुक्त-श्री मुकुल गुप्ता, उपायुक्त एवं प्रभारी संपत्ति कर-श्री जगदीश अरोरा, सहायक संपत्ति कर अधिकारी-श्री महेश पाराशर व विभिन्न वार्डों के कर संग्राहक उपस्थित रहे| शिविर के प्रारंभ में पदाधिकारियों द्बारा अतिथिगणों का बुके द्बारा स्वागत किया गया| इस अवसर पर एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल ने सभी का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि व्यापारी एवं उद्योगपतियों व आमजन की सुविधा हेतु यह शिविर लगाया गया है| आपने कहा कि कोरोना महामारी का प्रकोप फिर से बढ रहा है इसलिए हमें प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के संदेश का पालन करते हुए होली घर पर ही मनानी है और मास्क आवश्यक रूप से पहनना है| साथ ही, अपने परिजनों व परिचितों को भी मास्क पहनने के लिए प्रेरित करना है| मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि आज इस शिविर में सभी आगन्तुक मास्क पहने यह हमने सुनिश्चित किया है| इस अवसर पर आपने निगमायुक्त महोदय से आग्रह किया कि संपत्ति कर जमा करने के साथ ही संपत्ति कर से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी शिविर में करने के निर्देश संबंधितों को प्रदान करें ताकि करदाताओं की संपत्ति कर से जुड़ी समस्याओं का भी निराकरण हो सके| इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त-श्री शिवम वर्मा ने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य संपत्ति कर जमा कराना तो है ही, लेकिन करदाताओं की समस्याओं का समाधान करना भी हमारा दायित्व है| ऐसी समस्याएं जिनका निराकरण शिविर में संभव हो सकेगा उन्हें यहीं पर निराकृत किया जायेगा और जो शेष रहेंगी उनका समाधान कार्यालय में प्राथमिकता से किया जायेगा| आपने शिविर के आयोजन के लिए म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री को धन्यवाद दिया| साथ ही, कोरोना के केस बढने पर आपने शहरवासियों से मास्क आवश्यक रूप से पहनने तथा माननीय मुख्यमंत्री जी द्बारा ‘‘मेरा घर, मेरी होली - मेरा जीवन मेरा मास्क‘‘ अभियान को आत्मसात करने की अपील की| शिविर में 27 लाख 50 हजार रूपये का राजस्व नगर निगम को प्राप्त हुआ| साथ ही संपत्ति कर से जुड़ी कई समस्याओं का निराकरण मौके पर ही किया गया| शिविर में एमपीसीसीआई के संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल सहित काफी संख्या में व्यापारी एवं उद्योगपति उपस्थित रहे|