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‘छौंदा’ टोल प्लाजा पर ट्रेफिक जाम से मुक्ति हेतु कॉमर्शियल एवं निजी वाहनों के लिए अलग-अलग लेन की व्यवस्था की जाए ः एमपीसीसीआई केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री-माननीय श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसद-श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं स्थानीय सांसद-माननीय श्री विवेक नारायण शेजवलकर को लिखा पत्र ग्वालियर, 27 फरवरी । देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को सुगम बनाने एवं यातायात को द्रुत गति से संचालित करने के उद्देश्य से टोल प्लाजा पर लागू की गई फास्टेग की व्यवस्था की एमपीसीसीआई ने सराहना करते हुए, आज केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री-माननीय श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसद-श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं स्थानीय सांसद-माननीय श्री विवेक नारायण शेजवलकर को पत्र लिखकर, माँग की है कि ग्वालियर-मुरैना (राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3) जो कि नॉर्थ-साउथ कोरिडोर के अन्तर्गत आता है । इस मार्ग पर स्थित ‘छौंदा’ टोल प्लाजा पर प्रत्येक समय वाहनों की लंबी लाईने लगी रहती हैं । इस ट्रेफिक जाम की स्थिति से मुक्ति हेतु इस टोल प्लाजा सहित प्रत्येक टोल प्लाजा पर कॉमर्शियल एवं निजी वाहनों के लिए अलग-अलग लेन की व्यवस्था की जाए । अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि देश भर में राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रहण अवसंरचना से टोल प्लाजा पर होने वाले ट्रेफिक जाम से मुक्ति मिली है, परन्तु ग्वालियर-मुरैना राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ‘छौंदा’ टोल प्लाजा पर आज भी प्रत्येक समय काफी लंबे ट्रेफिक जाम की स्थिति बनी रहती है । इससे वाहन चालकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है । साथ ही, समय एवं ईंधन की बर्बादी भी हो रही है । पदाधिकारियों ने राजमार्गों पर संचालित टोल प्लाजा पर होने वाले ट्रेफिक जाम से निजी वाहनों की मुक्ति हेतु कॉमर्शियल एवं निजी वाहनों के लिए अलग-अलग लेन की व्यवस्था को ‘छौंदा’ टोल प्लाजा सहित देश में प्रत्येक टोल प्लाजा पर लागू किए जाने की माँग की है, जिससे निजी वाहन जैसे कि कार-जीप आदि में यात्रा करने वाले लोग लंबी लाईन में फंसने से बच सकें । इस व्यवस्था से निश्‍चित ही देश के नागरिकों को काफी राहत मिलेगी । आपने कहा कि जिस देश के मार्गों पर आवागमन जितना सुगम होगा, वह देश उतनी ही तेजी से तरक्की करेगा । यह बात यूरोपीय देशों से सिद्ध भी हुई है ।

बिजली विभाग की तर्ज पर ही प्रतिमाह उद्योग विभाग के साथ ‘चेम्बर भवन’ में आयोजित होगा संवाद जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक में एमपीसीसीआई ने की शिरकत ग्वालियर १९ फरवरी| बिजली विभाग की तर्ज पर ही प्रतिमाह उद्योग विभाग के साथ ‘चेम्बर भवन’ में प्रतिमाह संवाद का आयोजन किया जायेगा| इस बात की सहमति आज जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक में हुई| यह संवाद मार्च माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जायेगा| जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित हुई| बैठक में एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल ने कहा कि ग्वालियर जिले में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रहे हैं| नगर निगम ग्वालियर और जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दोनों वर्तमान में स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों को प्राथमिकता में लेकर वहां मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही करेंे, ताकि समस्याओं का निदान हो सके| मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि एमपीसीसीआई में प्रतिमाह विद्युत समस्या एवं निवारण शिविर में बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ संवाद किया जाता है, इसी तर्ज पर उद्योग विभाग के साथ भी संवाद प्रतिमाह होना चाहिए क्योंकि किसी भी विषय पर लगातार संवाद होने से समस्याएं खत्म होने लगती हैं| बैठक की अध्यक्षता कर रहे सीईओ जिला पंचायत-श्री किशोर कन्याल तथा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक द्बारा मार्च माह के प्रथम सप्ताह में चेम्बर भवन में संवाद आयोजित किए जाने की सहमति प्रदान की|

ग्वालियर एयरपोर्ट के विस्तार हेतु 50 करोड़ की राशि मंजूर होने पर श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया के प्रति एमपीसीसीआई ने किया आभार व्यक्त ग्वालियर, 19 फरवरी । सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री, माननीय श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के सार्थक प्रयासों से ग्वालियर एयरपोर्ट के विस्तार हेतु केन्द्रीय विमानन मंत्री, माननीय श्री हरदीप पुरी द्वारा रु. 50 करोड़ की राशि स्वीकृत किए जाने पर, उद्योग-व्यापार की शीर्ष संस्था एमपीसीसीआई की ओर से हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया गया है । एमपीसीसीआई, अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि ग्वालियर एयरपोर्ट का विस्तार होने से ग्वालियर अंचल के निवासियों को मुम्बई एवं पुणे सहित देश के अन्य बड़ों शहरों के लिए शीघ्रातिशीघ्र ही बोइंग विमान की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी । ग्वालियर को बोइंग विमान की सुविधा प्राप्त होने से निश्‍चित ही, इससे अंचल के उद्योगपति एवं व्यवसाईयों सहित आई. टी. सेक्टर के हजारों युवा लाभांवित होंगे । समर शेड्यूल में ग्वालियर से पुणे एवं मुम्बई के लिए हवाई सेवा को शामिल किए जाने पर सांसद-माननीय श्री विवेक नारायण शेजवलकर जी के प्रति एमपीसीसीआई ने किया आभार व्यक्त ग्वालियर, 19 फरवरी । समर शेड्यूल में ग्वालियर से मुम्बई एवं पुणे के लिए हवाई सेवा प्रारम्भ किए जाने हेतु शामिल किए जाने पर, सांसद, माननीय श्री विवेक नारायण शेजवलकर जी के प्रति उद्योग-व्यापार की शीर्ष संस्था एमपीसीसीआई के अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने हार्दिक आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया है । पदाधिकारियों ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि समर शेड्यूल में ग्वालियर से पुणे एवं मुम्बई के लिए हवाई सेवा उपलब्ध कराए जाने हेतु केन्द्रीय विमानन मंत्री, माननीय श्री हरदीप पुरी जी द्वारा स्थानीय सांसद, माननीय श्री विवेक नारायण शेजवलकर जी की माँग पर विमान कंपनी को निर्देशित किए जाने से निश्‍चित ही, ग्वालियर अंचल के उद्योगपति-व्यवसाईयों सहित आई. टी. सेक्टर के हजारों युवा लाभांवित होंगे ।

महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे-श्री व्ही. के. त्रिपाठी जी के आज ग्वालियर आगमन पर एमपीसीसीआई के पदाधिकारियों ने सौजन्य भेंट कर, ग्वालियर अंचल की रेलवे संबंधी सुविधाओं में विस्तार हेतु सौंपा, सुझाव एवं माँग-पत्र ग्वालियर, 19 फरवरी । उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, श्री व्ही. के. त्रिपाठी जी के आज ग्वालियर आगमन के अवसर पर एमपीसीसीआई के पदाधिकारियों ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर, उनसे सौजन्य भेंट की एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर, उनका आत्मीय स्वागत् किया । साथ ही, ग्वालियर अंचल के यात्रियों की सुविधा हेतु रेल संबंधी सुविधाओं में विस्तार हेतु सुझाव एवं माँग-पत्र सौंपा गया । इस अवसर पर अध्यक्ष-विजय गोयल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल उपस्थित थे । चेम्बर के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर महाप्रबंधक, श्री व्ही. के. त्रिपाठी जी एवं डीआरएम, झाँसी मण्डल-श्री संदीप माथुर को ’चेम्बर भवन’ में पधारने हेतु आमंत्रित किया गया, जिस पर महाप्रबंधक महोदय एवं डीआरएम महोदय द्वारा आगामी ग्वालिर प्रवास के अवसर पर अवश्य ही एमपीसीसीआई आने का आश्‍वासन दिया गया । एमपीसीसीआई द्वारा महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे को सौंपे गए माँग-पत्र एवं सुझाव के बिन्दु निम्नानुसार हैं ः- * ग्वालियर-रतलाम एवं भिण्ड-रतलाम एक्सप्रेस के समय को रिब्यू कर, इसकी गति बढ़ाई जाए क्योंकि यह दूरी मात्र 08 घंटे में संभव है क्योंकि इस ट्रेन को बीच रास्ते में कई बार अनावश्यक रूप से रोककर, यात्रियों के समय को बर्बाद किया जाता है । इस ट्रेन को 100 कि. मी. प्रति घंटा की स्पीड से चलाए जाने हेतु ट्रायल भी पूर्व में हो चुका है । अतएव इस ट्रेन के समय को रिब्यू करके, इसकी गति कम से कम 100 कि.मी. प्रति घंटा सुनिश्‍चित की जाए, जिससे यात्रियों के समय की बचत हो सके । * बिड़ला नगर रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जाए एवं जो ट्रेन प्लेटफॉर्म रिक्त न होने के अभाव में ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर नहीं रुक पा रहीं है, उन्हें बिड़ला नगर अथवा सिथौली स्टेशन पर रोका जाए । * मुम्बई राजधानी एक्सप्रेस (01222/01221) में आपातकालीन कोटा उपलब्ध कराया जाए । * जेडआरयूसीसी में एमपीसीसीआई को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए । * आईआरडीसी के अन्तर्गत की जाने वाली कार्यवाही से अवगत कराने की व्यवस्था की जाए क्योंकि शहर की एकमात्र व्यापारिक संस्था होने के नाते महत्वपूर्ण सुझावों हेतु हमें प्रतिनिधि के रूप में नामित करने की कृपा करें । * सर्कुलेटिंग एरिया (प्लेटफॉर्म नं.-4) का सौंदर्यीकरण किया जाए एवं यहाँ पर प्रकाश एवं साफ-सफाई की उचित व्यवस्था की जाए । * रायरू, माल गोदाम पर सड़क एवं अन्य समुचित व्यवस्थाएँ सुनिश्‍चित की जाएँ । * ग्वालियर-अहमदाबाद एक्सप्रेस (ट्रेन नं. 22548/22547) को ग्वालियर से नियमित संचालित किया जाए । * ग्वालियर-पुणे-दौंड एक्सप्रेस की गति बढ़ाई जाए एवं इस ट्रेन प्रतिदिन संचालित किया जाए । गाड़ी सं.-04190/04189 वर्तमान में औसत गति मात्र 63 कि.मी. प्रति घंटा है, जो कि काफी कम है । अतः इस ट्रेन की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए, इसकी औसत गति कम से कम 80 कि.मी. प्रति घंटा की जाए । साथ ही, इस ट्रेन का संचालन प्रतिदिन सुनिश्‍चित किया जाए । * हबीबगंज-पुणे ‘हमसफर एक्सप्रेस’ (ट्रेन नं. 22172/22171) का संचालन ग्वालियर से किया जाए । * ह. निजामुद्दीन-सिंगरौली एक्सप्रेस का स्टॉपेज ग्वालियर स्टेशन पर उपलब्ध कराया जाए । * ह. निजामुद्दीन-यशवंतपुर सुपरफास्ट साप्ताहिक एक्सप्रेस (12630/12629) का स्टॉपेज ग्वालियर स्टेशन पर उपलब्ध कराया जाए । * नेरोगेज ट्रेन की पटरी की भूमि पर ग्वालियर रेलवे स्टेशन से मोतीझील रेलवे स्टेशन तक लोकल ट्रेन चलाई जाए एवं इस हेतु फूलबाग (मरीमाता) एवं बहौड़ापुर पर दो अण्डर ग्राउण्ड स्टेशन का निर्माण भी किया जाए । * ह. निजामुद्दीन-एलटीटी एक्सप्रेस (22110/22109) का संचालन पुनः प्रारम्भ किया जाए । * ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज के कार्य को तीव्र गति प्रदान की जाए । * रेलवे स्टेशन बजरिया की दुकानों को तोड़े जाने के पूर्व वहाँ के व्यवसाईयों को प्रस्तावित नवीन एवं आधुनिक स्टेशन के अंदर दुकाने दिए जाने की रेलवे द्वारा समुचित व्यवस्था सुनिश्‍चित कर, व्यवसाईयों को विश्‍वास में लेकर ही स्टेशन बजरिया के व्यवसाईयों को बेदखल किया जाए । एमपीसीसीआई द्वारा सौंपे गए उपरोक्त माँग-पत्र का माननीय श्री व्ही. के. त्रिपाठी, महाप्रबंधक, उत्तर मध्य रेलवे द्वारा सभी बिन्दुओं का काफी गंभीरता से वाचन किया गया तथा उक्त सभी बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही का आश्‍वासन, चेम्बर के पदाधिकारियों को दिया ।

विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए: ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर चेम्बर की मांग-बिजली कंपनी द्वारा उपभोक्ता के लिए एक कंज्यूमर चार्टर जारी किया जावे, जिसका पालन नहीं होने पर उपभोक्ता को पूर्व की तरह मुआवजा का भी प्रावधान रखा जाए और यह मुआवजा इस विलम्ब के लिए जिम्मेदार से वसूला जाए चेम्बर भवन में विद्युत समस्या निवारण शिविर सम्पन्न ग्वालियर १८ फरवरी| ऊर्जा मंत्री माननीय श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुख्यातिथ्य में ‘चेम्बर भवन’ में आज विद्युत समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया| इस अवसर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक शहर वृत्त-श्री विनोद कटारे, महाप्रबंधक-ओएण्डएम-श्री सुनील खरे, दक्षिण संभाग के उपमहाप्रबंधक-श्री राहुल साहू, सेन्ट्रल डिवीजन के उपमहाप्रबंधक-श्री राजकुमार मालवीय आदि अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे| शिविर के प्रारंभ में एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल द्बारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत उद्बोधन दिया| इस अवसर पर आपने कहा कि चेम्बर का प्रमुख उद्देश्य ही समस्याओं का निराकरण कराना है| इसी तारतम्य में विद्युत शिविर का आयोजन किया गया है| शिविर में पधारे मुख्य अतिथि-माननीय श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों एवं शिविर में पधारे सभी महानुभावों का हार्दिक स्वागत है| ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनहित में विद्युत समस्या निवारण शिविर लगाने के लिए मैं चेम्बर का आभारी हूं और आशा करता हूं कि बिजली विभाग को आपका सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा और आपका यह सेवक इसी प्रकार आपकी भावना अनुसार कार्य करता रहेगा| आपने इस अवसर पर विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आज इस शिविर में जो भी समस्याएं प्राप्त हों, उनका प्राथमिकता के आधार पर शीघ्रता से निराकरण किया जाए और यदि कोई समस्या शासन स्तर की है, तो उससे मुझे अवगत कराएं ताकि उसका भी निराकरण कराया जा सके| आपने कहा कि जनसेवा करना हमारा कर्तव्य और दायित्व भी है| उपभोक्ता को हम अच्छी सर्विस देंगे तभी विद्युत वितरण कंपनी फायदे में आयेगी| चेम्बर की मांग पर आपने कहा कि प्रत्येक जोन पर एक फ्लेक्स लगाया जायेगा जिसमें कनिष्ठ यंत्री से लेकर जीएम तक के मोबाइल नम्बर होंगे| साथ ही, शिकायत के निराकरण की समय सीमा भी निर्धारित होगी| वितरण कंपनी के कार्यालयों में शिकायत रजिस्टर रखा जायेगा, जिसमें उपभोक्ता की शिकायत दर्ज कर, पावती भी दी जायेगी और इस कार्य की शुरूआत ग्वालियर से की जायेगी| मीटर रीडर तीन माह से ज्यादा एक स्थान पर नहीं रहेंगे| उपभोक्ताओं पंचनामे की प्रति पठनीय दी जायेगी| उपभोक्ता के जिस कागज पर भी हस्ताक्षर करायें, उसकी प्रति उपभोक्ता को दी जाए| विद्युत उपभोक्ताओं से फीडबैक लेने का कार्य जारी रहेगा| सिनेमा, कोचिंग आदि के न्यूनतम चार्ज और फिक्स्ड चार्ज में राहत देने के प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेंगे| इस हेतु ऐसे उपभोक्ताओं की पूरी जानकारी के साथ सुझाव देने के निर्देश अधिकारियों को दिये| आपने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिविर में प्राप्त समस्याओं का संभवत: मौके पर ही निराकरण करें| शिविर में महाराजपुरा स्थित एक औद्योगिक इकाई पर सीसीबी चार्जेज के रूप में लगाई गई १,०८,५५१/- रूपये की राशि को ऊर्जा मंत्री जी द्बारा हटाने का निर्देश दिया गया| शिविर में करीब २०० विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतें प्राप्त हुईं जिनमें से करीब १४५ का मौके पर ही निराकरण किया गया| इससे पूर्व शिविर में मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने निम्नलिखित बिन्दुओं पर ज्ञापन का प्रस्तुतीकरण माननीय ऊर्जा मंत्री के समक्ष किया| बिन्दु जो चेम्बर द्बारा प्रमुखता से उठाये गये: * बिजली कंपनी द्वारा उपभोक्ता के लिए एक कंज्यूमर चार्टर जारी किया जावे, जिसमे सभी अधिकारियों की एक इंटरनल मीटिंग कर प्रत्येक कार्य की समय सीमा को तय किया जावे | उसका पालन नहीं होने पर उपभोक्ता को पूर्व की तरह मुआवजा का भी प्रावधान रखा जाए और यह मुआवजा इस विलम्ब के लिए जिम्मेदार से वसूला जाए | * बिजली के बिल भुगतान हेतु चैक स्वीकार किए जाएं : म. प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्बारा १ जून,२०२० से उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों के भुगतान हेतु चेकस्वीकार नहीं किए जा रहे हैं | इस स्थिति में विभिन्न संस्थाओं को अपना विद्युत बिल कैश में जमा कराना पड़ता है और बिल की राशि अधिक होने से अप्रिय घटना घटित होने की संभावना बनी रहती है| इसलिए बिजली बिल के भुगतान हेतु चैक स्वीकार किए जाएं| इस संबंध में हमारा सुझाव है कि यदि चैक अनादृत होने की समस्या के चलते वितरण कंपनी द्बारा यह निर्णय लिया गया है तो इस स्थिति से निपटने के लिए जिन उपभोक्ताओं का चैक एक से अधिक बार अनादृत हो जाये उनके चैक भविष्य में स्वीकार न किए जाने का प्रावधान सॉफ्टवेयर में किया जा सकता है | * मीटर रीडर सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर लेकर आएँ, जिससे बिल जारी होने व मेंटिनेंस के लिए घोषित और अघोषित कटौती होने पर लाइट आने के संभावित समय की जानकारी दी जाए | * एब्नॉर्मल खपत वाले बिलो को डीजीएम स्वयं चेक करने के बाद जारी करें | * सिनेमा, कोचिंग आदि के न्यूनतम चार्ज और फिक्स्ड चार्ज में राहत दी जावे | * जिन उपभोकताओं की एमडी बढ़ी हो, उनके यहॉं धारा-१२६ की बिलिंग नहीं करते हुए उन्हें अपना लोड चेक करने की समझाइश दी जावे | * शारदा विहार से शिकायत प्राप्त हुई है कि मीटर रीडर दो माह में एक बार पहुंचता है | इस पर कार्यवाही की जाए| * उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर शिकायत क्रमांक देकर आवेदन की पावती देना आवश्यक किया जावे | * प्रत्येक जोन पर एक फ्लेक्स, जिसमें कनिष्ठ यंत्री से लेकर जीएम तक के मोबाइल नम्बर हो जिसमें लिखा हो कि आवेदन की पावती दी जाएगी और निर्धारित समय पर शिकायत का निराकरण न होने पर डीजीएम और जीएम से संपर्क किया जा सकता है | * जोन के द्वारा चेकिंग किये जाने पर उपभोक्ता को पंचनामे की कॉपी नहीं दी जाती है, हर वह कागज जिस पर उपभोक्ता के हस्ताक्षर करवाये जा रहे है, उसकी प्रति उपभोक्ता को दिया जाना यह उपभोक्ता का वैधानिक अधिकार है | उसका पालन करवाया जावे एवं पंचनामे की कॉपी पठनीय हो, यह निर्देशित किया जावे | * ग्रुप मीटर की जब तक पूरी तरह से ट्रेनिंग नहीं होती है, तब तक नहीं लगाया जावे | इससे उपभोक्ता के साथ कंपनी पर अनावश्यक आर्थिक भार पड़ रहा है, वही जो सही तरह से मीटर कार्य कर रहे है, उनकी गारंटी पीरियड पूरे हुए बिना वह कबाड़ खाने की शोभा बढ़ा रहे है | * शहर के अंदर जनहानि न हो, इसके लिए आवश्यक है कि खुली डीपी ओर उस पर तीनों फेज के सर्किट खुले हुए पड़े है, उन्हें जाली से कवर करवाये जावे | * आपने जो व्यवस्था दी थी कि अधिकारी १०-१० उपभोक्ता के यहां मोबाइल करके उससे समस्या के बारे में जानेंगे, उस व्यवस्था ने आमजन को बहुत प्रभावित किया था, लेकिन यह कार्य प्रारम्भ में तो हुआ लेकिन अब शायद वह ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, उसको भी प्रभावी रूप से क्रियान्वयन करवाना सुनिश्चित किया जावे| * शहर के अंदर अव्यवस्थित ढंग से लटक रही केवल या अनावश्यक रूप से झूल रही केवल को दुरस्त करवाया जावे| शिविर का संचालन-मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा तथा अभार-संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल द्बारा व्यक्त किया गया| शिविर में कार्यकारिणी सदस्य-पुरूषोत्तम दास गुप्ता, श्यामलाल बंसल, दीपक जैस्वानी, संजय धवन आदि सहित काफी संख्या में विद्युत उपभोक्ता उपस्थित रहे| मुझे माला पहनाने के एवज में 20 रूपये गरीब कन्याओं के विवाह के लिए दें: ऊर्जा मंत्री शिविर में जब एमपीसीसीआई द्बारा माननीय मंत्री जी का बुके देकर स्वागत करना चाहा, इस पर ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह के लिए मेरे द्बारा जनकल्याणकारी ट्रस्ट का गठन किया गया है| इस ट्रस्ट में एकत्रित हुए पैसों से गरीब कन्याओं का विवाह कराया जायेगा| आपने अनुमान जताया कि यदि एक वर्ष में मुझे 10 हजार माला पहनाने के स्थान पर २० रूपये प्राप्त हुए तो यह राशि लगभग २ लाख रूपये होती है और इस राशि से एक गरीब कन्या का विवाह आसानी से हो सकेगा| शिविर में माला पहनाने के एवज में 1720 रूपये एकत्रित हुये|

डीआरडीई को ग्राम महाराजपुरा डांग में राज्य शासन द्बारा आवंटित की गई नि:शुल्क भूमि पर शीघ्र स्थानांतरित किया जाए : एमपीसीसीआई राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को एमपीसीसीआई ने लिखा पत्र ग्वालियर 15 फरवरी| म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा डीआरडीई को ग्राम महाराजपुरा डांग में राज्य शासन द्बारा आवंटित की गई नि:शुल्क 140.11 एकड़ भूमि पर शीघ्र स्थानांतरित किए जाने के संबंध में आज राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र प्रेषित किया है| एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया है कि मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 6-79/2019/सात/शाखा-3 भोपाल, दिनांक 04.09.2020 के माध्यम से डीआरडीई झांसी रोड ग्वालियर को स्थानांतरित करने हेतु ग्राम महाराजपुरा डांग जिला ग्वालियर में रकवा 140.11 एकड़ भूमि नि:शुल्क आवंटित की गई है, जिसको लगभग 10 माह हो चुके हैं| एमपीसीसीआई ने पत्र में उल्लेख किया है कि वर्तमान में उक्त प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली) में विचाराधीन है| माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आने से पहले डीआरडीई को शिफ्ट नहीं किया गया तो बेहद अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो सकती है तथा 200 मीटर के क्षेत्र में निर्मित नगर निगम मुख्यालय के साथ-साथ शासकीय व अशासकीय संपत्तियां प्रभावित होंगी जिसमें लगभग 8500 करोड़ की संपत्तियां स्वयं राज्य शासन की हैं एवं 500 करोड़ की निजी संपत्तियां हैं| एमपीसीसीआई ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पारित होने के पूर्व डीआरडीई झांसी रोड ग्वालियर को स्थानांतरित कराने हेतु रक्षामंत्री-श्री राजनाथ सिंह जी आग्रह कर टेक्निकल एरिया लैब से 50 मीटर दूरी करने अथवा डीआरडीई बाउण्ड्रीवॉल से 10 मीटर दूरी किए जाने हेतु नोटिफिकेशन जारी कराया जाए|

पेट्रोल-डीजल पर वेट की दर को कम किया जाए ः एमपीसीसीआई वित्तीय वर्ष ः 2021-22 हेतु राज्य बजट में शामिल किए जाने हेतु एमपीसीसीआई ने भेजे सुझाव ग्वालियर, 15 फरवरी । म. प्र. विधानसभा के बजट सत्र में आगामी, वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु प्रस्तुत किए जाने वाले राज्य बजट हेतु आज एमपीसीसीआई ने सुझाव भेजे । एमपीसीसीआई, अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया है कि चेम्बर द्वारा आज पत्र के माध्यम से राज्य के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री-माननीय श्री जगदीश देवड़ा को प्रदेश के बजट 2021-22 हेतु सुझाव भेजे गए हैं । माननीय वित्तमंत्री जी को पत्र के माध्यम से भेजे गए प्रमुख सुझाव निम्नानुसार हैं ः- * पेट्रोल-डीजल पर वेट की दर को कम किया जाए ः राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर सम्पूर्ण देश में ‘वेट’ सर्वाधिक वसूल किया जा रहा है । म. प्र. में पेट्रोल-डीजल पर कर की दरें पड़ौसी राज्यों से काफी अधिक होने के कारण प्रदेश में विकास की गति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि इससे माल ढुलाई पर सीधा असर पड़ रहा है । वहीं जो पेट्रोल-डीजल से संबंधित व्यवसाई हैं, उनके व्यापार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर को पड़ौसी राज्यों से कम किया जाए, ऐसा होने से विक्रय की मात्रा बढ़ेगी, जिससे अधिक विक्रय होने से टैक्स की अधिक वसूली होगी और इससे राजस्व पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा । पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर कम होने से राज्य के आम नागरिकों सहित व्यवसाईयों एवं उद्योगपतियों को भी महँगाई की मार के साथ-साथ मंदी के इस वर्तमान समय में कुछ राहत मिलेगी । * सेल्स टेक्स और वैट में जमा एफडीआर की वापसी हेतु प्रावधान किया जाए ः प्रदेश में जब सेल्स टैक्स की व्यवस्था थी, उसके उपरांत वेट टेक्स का प्रावधान लाया गया, दोनों ही रजिस्ट्रेशन में एफडीआर संयुक्त नाम से बनवाकर जमा कराई गई थी, लेकिन अब न तो विक्रय कर का प्रावधान है और न ही वेट टेक्स । वहीं वह पैसा बैंकों में ब्लॉक है । कारण एफडीआर संयुक्त नाम से है । अतः वह एफडीआर वापसी का प्रावधान किया जाना चाहिए । * प्रोफेशनल टैक्स को समाप्त किया जाए ः व्यवसाईयों पर जीएसटी सहित अन्य कई कर लागू हैं । व्यवसाई का विभिन्न करों की कार्यवाही में ही अधिकतम समय व्यतीत हो रहा है, जिसके कारण वह अपने कारोबार पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित नहीं कर पा रहे हैं । अतएव प्रोफेशनल टैक्स को समाप्त कर, प्रदेश के व्यवसाईयों को राहत प्रदान की जाए । * स्टॉम्प ड्यूटी को 20% तक कम किया जाए ः म. प्र. में स्टॉम्प ड्यूटी सर्वाधिक होने के कारण इसका सीधा असर, रियल स्टेट के व्यापार पर पड़ रहा है । रियल स्टेट में मंदी के कारण राज्य में रोजगार के अवसर भी कम हो रहे है । इसलिए यह आवश्यक है कि प्रदेश में स्टॉम्प ड्यूटी को 20% तक कम की जाए, जिससे रियल स्टेट के व्यापार में वृद्धि हो सके । साथ ही, ऐसा होने से प्रदेश में लाखों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे । * बैंक मॉर्गेज में स्टाम्प ड्यूटी अन्य प्रदेशों के मुकाबले की जाए ः बैंक लोन पर 0.25% इक्यिूटल मॉर्गेज चार्ज को कम करना चाहिए । उत्तरप्रदेश में यह रु. 10,000/- एवं दिल्ली में रु. 1,000/- के स्टॉम्प पेपर पर यह सुविधा दी जाती है । * ट्रेड लायसेंस को समाप्त किया जाए ः नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के पत्र क्र. 6052(ए), दिनांक 22.03.2018 के आधार पर नगर-निगम, ग्वालियर द्बारा ट्रेड लायसेंस आरोपित किए जाने का निर्णय लिया है, परन्तु इस पत्र में कहीं भी नगर निगम अधिनियम की किसी धारा का उल्लेख न किया जाना, इसे अवैधानिक रूप से लगाए जाने का प्रमाण है । शासन को भी यह शक्ति कहां से प्राप्त हुई, जबकि कारपोरेशन एक्ट है और नगर निगम की पूरी इलेक्टेड बॉडी मौजूद है फिर शासन कैसे यह निर्देश दे सकता है कि नगर निगम द्वारा इस प्रकार कार्य किया जाए । व्यवसाई जब शॉप एक्ट में रजिस्टर्ड हैं, फिर नया ट्रेड लायसेंस क्यों मांगा जा रहा है, जबकि इसका कोई औचित्य नहीं है । इस प्रकार यह अवैधानिक रूप से विधि की मंशा के विपरीत लगाया गया है । वहीं आपके द्वारा व्यवसाईयों के हितार्थ निर्णय लेते हुए शॉप एक्ट रजिस्ट्रेशन को एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद रिन्यूवल की वाध्यता को खत्म कर स्वागत योग्य निर्णय लिया गया है । अतएव निगम परिषद के ठहराव क्रमांक 186 दिनांक 16.09.2019 पर तत्काल रोक लगाई जाए एवं नगर पालिक निगम, ग्वालियर को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया जाए कि व्यापारियों को ट्रेड लायसेंस बनवाने के लिए बाध्य न किया जाए और इस ठहराव को निरस्त करने के लिए भी उचित कार्यवाही की जाए । * छोटे तलघर जिनमें पार्किंग होना संभव नहीं, उन्हें अर्थदण्ड के साथ वैध किया जाए ः ग्वालियर शहर में काफी समय से तलघरों के विरुद्ध एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके कारण असुविधाजनक स्थिति उत्पन्न हो रही है । नगर-निगम के कर्मचारी किसी भी समय, किसी भी बाजार में पहुँच कर तलघरों की तोड़फोड़ कर जाते है । छोटे तलघर जिनका आकार 1000 वर्गफुट तक है । इनमें स्वीकृति प्राप्त व बिना स्वीकृति के निर्मित दोनों प्रकार के तलघर हो सकते हैं । छोटे तलघरों में पार्किंग संभव नहीं है, परन्तु ये स्टोरेज व अन्य अनुषंगी कार्यों हेतु उपयोगी होते हैं । इस प्रकार के तलघरों में जिन्हें अनुमति प्राप्त नहीं है, उन्हें शासन की ओर से नियमित करने हेतु अर्थदण्ड के साथ एक अवसर दिया जाना चाहिए । यदि शासन, छोटे भवन स्वामियों को उनके छोटे तलघरों को नियमित करने का एक उचित अवसर देता है, तो यह पूर्णतः एक तार्किक, उचित, वैधानिक व सराहनीय कार्य होगा । अतएव व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में स्थित तलघरों की आए दिन की जा रही तोड़फोड़ की कार्यवाही पर विराम लगाकर, इनके नियमतीकरण हेतु उचित प्रावधान बनाए जाएँ और तलघरों के मालिकों को एक अवसर प्रदान किया जाए, जिससे शहर के व्यवसाई बगैर किसी भय के अपना कारोबार सुचारू रूप से संचालित कर सकें और शासन को भी राजस्व की प्राप्ति हो सके ।

आम बजट में आयकर एवं जीएसटी पर प्रस्तावित प्रावधानों एवं जटिलताओं पर ‘चेम्बर भवन’ में हुआ चर्चा का आयोजन, व्यापार में बाधा उत्पन्न करने वाले जीएसटी एवं आयकर बिन्दु किए संकलित चर्चा में सीए एवं कर विशेषज्ञ हुए शामिल संकलित सुझाव, केन्द्रीय वित्तमंत्री-माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण को किए जाएँगे प्रेषित ग्वालियर, 12 जनवरी । आम बजट (वर्ष 2021-22) में आयकर एवं जीएसटी पर प्रस्तावित प्रावधानों एवं जटिलताओं पर चर्चा का आयोजन आज सायं 4.30 बजे ‘चेम्बर भवन’ में किया गया । उक्त चर्चा में शहर के प्रमुख चार्टर्ड एकाउन्टेंट सहित कर विशेषज्ञ सहित काफी संख्या में व्यवसाई एवं उद्यमी उपस्थित थे । इस अवसर पर अध्यक्ष-विजय गोयल ने चर्चा में उपस्थित, सीए एवं कर विशेषज्ञों का संस्था की ओर से हार्दिक स्वागत् करते हुए कहाकि आज की चर्चा में निश्‍चित ही बहुमूल्य सुझाव सामने आएँगे और इन सुझावों को एमपीसीसीई द्वारा केन्द्रीय वित्तमंत्री-माननीया श्रीमती निर्मला सीतारमण जी को भेजा जाएगा । चर्चा का संचालन कर रहे, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने आयकर एवं जीएसटी से संबंधित विभिन्न प्रावधानों को प्रस्तुत करते हुए, उपस्थित विषय विशेषज्ञों से उन पर व्यापारिक एवं औद्योगिक हित में अपने सुझाव प्रस्तुत करने का आग्रह किया । साथ ही, आपने कर विशेषज्ञों से अपने-अपने सुझाव लिखित रूप में भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया, ताकि उन्हें संग्रहित करके, संस्था की ओर से एक विस्तृत सुझाव व माँग पत्र केन्द्रीय वित्तमंत्री महोदया को प्रस्तुत किए जा सकें । इस अवसर पर सीए अशोक विजयवर्गीय ने कहाकि इस बार आम बजट में टेक्नीकल चेंजेज ज्यादा किए गए हैं, बजाए राहत पहुँचाने के, परन्तु कुछ अच्छी बाते भी हैं । जैसे कि इंश्योरेंस में एफडीआई को छूट दिए जाने की घोषणा की गई है, इससे देश की चार इंश्योरेंस कं. में से किसी एक कं. का निजीकरण किया जाएगा, जिससे प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और उपभोक्ता को इसका लाभ मिलेगा । साथ ही, आपने अवगत कराया कि पॉवर सेक्टर में भी अच्छी घोषणा की गई है । इसमें जहाँ पर अभी एक ही कं. का एकाधिकार है, वहाँ पर एक और कं. को पॉवर सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपे जाने का प्रावधान किया गया है । ऐसा होने पर कम्पटीशन बढ़ेगा और उपभोक्ता को सस्ती दरों पर विद्युत प्राप्त होगी, यानि कि इस प्रावधान से उपभोक्ता को सीधा लाभ पहुँचने की प्रबल संभावना है । आपने बताया कि बजट में आयकर के 79 कालेजेज में चेंज किए गए हैं, परन्तु मेजर परिवर्तन काफी कम हैं । आपने इस अवसर पर ईपीएफ में जमा की जाने वाली रु. 2.50 लाख तक की राशि पर ही टैक्स छूट मिलने तथा इससे ऊपर की राशि पर टैक्स लगाए जाने के प्रावधान सहित ईपीएफ जमा करने के ग्रेस पीरियड को समाप्त किए जाने की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया गया । इसका एमपीसीसीआई के पदाधिकारियों ने विरोध करते हुए, ग्रेस पीरिडय को पुनः लागू किए जाने की माँग माननीय केन्द्रीय वित्तमंत्री जी को प्रस्तुत किए जाने वाले माँग पत्र में शामिल किए जाने की बात कही । आपने अवगत कराया कि गुडविल में नया संशोधन कर दिया गया है, अब आयकर में डिडेक्शन नहीं मिलेगा । आपने अवगत कराया कि अब माल खरीदी पर टीसीएस लगा दिया गया है । आपने बताया कि एक वर्ष में 10 करोड़ से ऊपर का टर्नओवर होने अथवा 50 लाख का माल क्रय करने पर एक फीसदी टीसीएस काटना अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि पूर्व में यह प्रावधान विक्रेता के ऊपर लागू था । इससे व्यापारी की परेशानी बढ़ेगी और अनावश्यक आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा । इसलिए चर्चा में इस प्रावधान को पूर्ववत् ही रखे जाने की माँग किए जाने का निर्णय लिया गया । इसी के साथ आपने टैक्स ऑडिट की लिमिट बढ़ाए जाने सहित अनेक प्रावधानों से उपस्थितजनों को अवगत कराया । आमबजट में जीएसटी प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए, सीए दीपक बाजपेयी ने कहा कि जीएसटी पोर्टल जिस प्रकार से कार्य कर रहा है, इससे व्यापारी त्रस्त हो गए हैं । वास्तविक स्थिति यह है कि अधिकारियों को जीएसटी पोर्टल पर कार्य करने की नॉलेज ही नहीं है । आपने बताया कि माल परिवहन पर अनजाने में व्यापारी से होने वाली छोटी-छोटी गल्तियों पर पूर्व में 100% का जो जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान था, उसे अब आमबजट में 200% कर दिया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि ऐसे प्रकरण जब अपील में जाते हैं, तो 99% को छूट मिल जाती है । बावजूद इसके इस प्रावधान को केवल व्यापारियों को परेशान करने के लिए लाया गया है । इसलिए इस प्रावधान को समाप्त किया जाए क्योंकि विभाग के अधिकारियों का तरीका सही नहीं है और वह अपने अधिकारियों का दुरुपयोग कर रहे हैं । आपने कहाकि जबकि जीएसटी लागू किया गया था, तब इसकी अवधारणा यह थी कि व्यापार-उद्योग को भयमुक्त वातावरण दिया जाएगा और इसे इंस्पेक्टर राज से मुक्त रखा जाएगा, परन्तु अधिकारियों का व्यवहार, व्यापारियों के प्रति बिल्कुल भी ठीक नहीं है और अब आम बजट में जीएसटी की धारा 83(1) में कड़े बदलाव कर, व्यवसाईयों के बैंक खातों को प्रोविजनल रूप से अटेच किए जाने के प्रावधान शामिल किए जा रहे हैं । इससे व्यापार में अनावश्यक रूप से भय का वातावरण निर्मित होगा और साथ ही, इंस्पेक्टरराज की पिछले दरवाजे से एन्ट्री होगी । अतः इस प्रकार के व्यापार विरोधी संशोधनों को निरस्त करके पूर्व के प्रावधानों को लागू किए जाने की माँग चर्चा में की गई । आपने बताया कि 50 लाख से ऊपर 1% के मासिक जिनका टर्नओवर 50 लाख से ऊपर मासिक है, उनको 99 फीसदी तक की इन्पुट क्रेडिट ही मिल सकेगी । यानि कि जीएसटी का 1% उनको नगद जमा करना ही होगा । यह प्रावधान व्यापार में कड़े अवरोधक का काम करेगा क्योंकि प्रत्येक व्यापारी और उद्योगपति के पास तरलता का अभाव है और ऐसी स्थिति में इन्पुट क्रेडिट होते हुए भी टैक्स भरना पड़ेगा, इससे तरलता में कमी आएगी और ईमानदारी से कर जमा करने की प्रवृत्ति में भी यह बाधक बनेगी । इसलिए इस प्रावधान को समाप्त किया जाना चाहिए । सीए दीपक बाजपेयी ने बताया कि ईवे बिल की समय सीमा जो कि एक दिन में 100 कि.मी. थी, उसे अब बढ़ाकर 200 कि.मी. कर दिया गया है, यानि कि एकदम दो-गुना । चर्चा में इस दूरी को 150 किलोमीटर किए जाने की माँग की गई है क्योंकि अक्सर ट्रेफिक जाम में ट्रक फंस जाते हैं और माल की डिलेवरी संभव नहीं हो पाती है । इसलिए इसकी सीमा एक दिन में अधिक 150 किमी ही रखी जानी चाहिए । साथ ही, चर्चा में नवीन जीएसटी पंजीयन जो कि अब भौतिक सत्यापन के आधार पर हो रहे हैं और अब कोई व्यक्ति गलत पंजीयन नहीं करा सकता है, इसलिए अब यदि कोई व्यापारी टैक्स नहीं जमा करता है, तो सीधे उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के प्रावधान किए जाएँ, और जिस सामने वाले व्यापारी को इन्पुट क्रेडिट मिलना है, उसे नहीं रोका जाए । इन्पुट क्रेडिट व्यापारी को आवश्यक रूप से मिलना ही चाहिए । चर्चा में एमपीसीसीआई के संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल, सीए आशीष पारिख, सीए नितिन पहाड़िया, सीए एस. के. जैन सहित कर सलाहकार शामिल थे ।

ग्वालियर के विकास के लिए आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा करूंगा : ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर * ग्वालियर शहर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एमपीसीसीआई से अगवानी करने के लिए माननीय मंत्री जी ने किया आव्हान * चेम्बर में प्रतिमाह १५ तारीख को लगेगा विद्युत समस्या निवारण शिविर ग्वालियर ६ फरवरी| ऊर्जा मंत्री म.प्र. शासन-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुख्यातिथ्य में आज ‘चेम्बर भवन’ में ग्वालियर के विकास पर चर्चा का आयोजन किया गया| कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्वालियर के विकास पर चर्चा के आयोजन के लिए मैं चेम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रति आभार व्यक्त करता हूं| आपने कहा कि चेम्बर जिस प्रकार व्यापार-उद्योग एवं ग्वालियर के विकास के लिए कार्य करता है| इसके लिए मैं चेम्बर का स्वागत करनचा हूं| आपने इस अवसर पर चेम्बर-अध्यक्ष विजय गोयल का बुके देकर स्वागत किया| आपने कहा शहर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाना हम सबका प्रथम लक्ष्य होना चाहिए| मैं चेम्बर से आग्रह करता हूं कि चेम्बर इसकी अगवानी करे| शहर का वातावरण हमारे माता-पिता व भविष्य की पीढी के लिए अनुकूल बनाने का हम सबका उत्तरदायित्व है| जिस प्रकार हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों से भारत को मुक्त करने का संकल्प लिया था, उसी प्रकार हमें सबको सकारात्मक भाव से ग्वालियर के विकास का संकल्प लेना चाहिए| हम सकारात्मक भाव से आगे बढेंगे तो निश्‍चित ही हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे| आपने कहा कि जब सफाई में इंदौर नंबर-१ बन सकता है, तो हम भी बन सकते हैं| आपने कहा कि विकास पर चर्चा हर माह टेबिल पर होना चाहिए| शहर में हम चर्चा का वातारण बनायें, मैं आपके बीच उपस्थित होने को तत्पर हूं| मै एक सेवक के रूप में ग्वालियर के विकास के लिए आपके कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करूंगा| आपने कहा कि आगामी बैठक चेम्बर भवन में आप सबके बीच प्रशासनिक अधिकारियों से करूंगा और जो समस्याएं उनका मौके पर निराकरण कराने का प्रयास होगा| चेम्बर में प्रतिमाह १५ तारीख को शिविर लगाने की आपने घोषणा की साथ ही, आश्‍वस्त किया कि प्रथम शिविर में मैं स्वयं उपस्थित रहूंगा| आपने कहा कि अकारण आंकलित खपत स्वीकार नहीं की जाएगी, इस पर मैं सख्त कार्यवाही करूंगा| आपने बताया कि फूलबाग में १०० करोड़ की लागत से १३२केव्हीए का सब-स्टेशन शीघ्र प्रारंभ होने जा रहा है, इसके प्रारंभ होने पर शहर के घरों के ऊपर से निकल रही हाईटेंशन लाइन से भी शहरवासियों को निजात मिलेगी| स्वर्ण रेखा नाले पर एलिवेटेड रोड शीघ्र बनना प्रारंभ होगी| जेल रोड के निर्माण में पानी व सीवर लाइन डाले जाने के कारण विलंब हुआ है, इसे जल्दी ही बनाना प्रारंभ कराया जायेगा| सागरताल चौराहा सहित सभी विद्युत सब स्टेशनों पर विद्युत बिल जमा कराने की व्यवस्था कराने के आदेश आपके द्बारा महाप्रबंधक शहर वृत्त-श्री विनोद कटारे को चर्चा के दौरान ही दिये गये| साथ ही, आपने कहा कि कल माननीय मुख्यमंत्री जी मेले का उद्घाटन करने शहर आ रहे हैं| आपके द्बारा जो बिन्दु शासन स्तर के मेरे समक्ष उठाये गये हैं, उन पर माननीय मुख्यमंत्री जी चर्चा कर, निराकरण कराया जायेगा| चर्चा के प्रारंभ में अध्यक्ष-विजय गोयल द्बारा स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि ऊर्जा मंत्री बनने के बाद माननीय श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जी आज हमारे बीच पधारे हैं| मैं उनका हृदय से स्वागत करता हूं| माननीय मंत्री जी इतने सहज हैं कि वह हमें अहसास नहीं होने देते कि वह प्रदेश सरकार के मंत्री हैं| हम सबसे बड़े ही सहज भाव से मिलते हैं| आपने कहा कि ग्वालियर में एक बदलाव आ रहा है और इस बदलाव को आप किस तरह चाहते हैं,उसी पर आज इस चर्चा का आयोजन किया गया है| आपने मंत्री महोदय से विद्युत बिल को आसान बनाने का आग्रह किया| मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने ग्वालियर के विकास से संबंधित निम्नलिखित बिन्दुओं को ऊर्जा मंत्री महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया गया:- * शहर में तीन अतिआधुनिक फायर स्टेशन की स्थापना की जाए | * शहर में छोटे-छोटे तलघरों में तोड़फोड़ के स्थान पर नवीन पॉलिसी बनाई जाए | * शहर में मेट्रो ट्रेन का संचालन हेतु सर्वे एवं डीपीआर की कार्यवाही सुनिश्‍चित की जाए | * शहर के अंदर ई-बस सेवा प्रारम्भ की जाए | * सोन चिरैया अभ्यारण से मुक्त ‘साडा’ क्षेत्र में क्लस्टर बनाएँ जाएँ | * शहर के चारों नाकों पर ग्वाला नगर स्थापित किए जाएँ | * जेल रोड का निर्माण शीघ्र किया जाए क्योंकि उक्त मार्ग की स्थिति वर्तमान में अत्यन्त ही दयनीय है | * शिन्दे की छावनी मार्ग जो कि जर्जर अवस्था में हैं | इसका डामरीकरण किया जाए एवं इस प्रमुख मार्ग को सिटी एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित किया जाए | * लोहिया बाजार की सड़क का डामरीकरण किया जाए | * ट्रांसपोर्ट नगर से ‘साडा’ बायपास को जोड़ने हेतु लिंक रोड का निर्माण किया जाए : * नवीन लोहा मण्डी की स्थापना में आ रहीं रुकावटों को दूर किया जाए | * विक्टोरिया मार्केट के विस्थापित दुकानदारों का स्थाई रूप से पुनर्वास किया जाए | * गोला का मंदिर पर अस्पताल हेतु आरक्षित भूमि पर ‘एम्स’ जैसा हॉस्पिटल स्थापित किया जाए | * ट्रेड लायसेंस को जबरन बनाने पर रोक लगाई जाए | * माधव प्लाजा के हितग्राहियों की समस्याओं को दूर किया जाए | * ग्वालियर में पर्यटन को आकर्षित किए जाने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सौंदर्यीकरण किया जाए | * संधारण शुल्क में की गई अप्रत्याशित वृद्घि को वापिस लिया जाए | * गिरवाई औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं को दूर किया जाए | * बिजली के बिल भुगतान हेतु चैक स्वीकार किए जाएं | * विद्युत अधिनियम २००३ की कंडिका ५६.२ के अनुसार २ वर्ष से पुरानी वसूली न की जाए * ‘चेम्बर भवन’ में प्रतिमाह विद्युत शिविर लगाया जाए| * प्रत्येक विद्युत सब स्टेशन पर विद्युत बिल जमा करने की व्यवस्था सुनिश्‍चित की जाए : * लक्ष्य पूर्ति के लिए की जाने वाली चेकिंग को रोका जाए| * खुली हुई ऊझ को चारों तरफ जाली से कवर किया जाए | * बिजली के बिल इस तरह के मिलें जिसे आसानी से समझा जा सके| * एमएसएमई के लिए नवीन विद्युत कनेक्शन हेतु लाइन आदि वितरण कंपनी द्बारा डाली जाए एवं छोटे उद्योगों के लिए २५ एचपी तक के कनेक्शन की सीमा को ३५ एचपी की जाए| ग्वालियर के विकास के लिए मूलभूत आवश्यकताओं पर श्री पंकज शर्मा द्बारा एलसीडी प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रजेन्टेशन दिया गया| कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया| कार्यक्रम का संचालन मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा तथा आभार संयुक्त अध्यक्ष- प्रशांत गंगवाल द्बारा व्यक्त किया गया| चर्चा में सर्वश्री पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-जगदीश मित्तल, महेश मुदगल, उमेश उप्पल, राजेश बंादिल ‘मनीष’, पुरूषोत्तम दास गुप्ता, एम.एल. अरोरा, श्रीमती अलका श्रीवास्तव, दुष्यंत साहनी, संजय जैन, माधव अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, महेन्द्र साहू, संतोष जैन, सुधीर गुप्ता, उपेन्द्र तोमर,बालचंद्र जैन आदि ने भाग लिया| बैठक में काफी संख्या में व्यापार-उद्योगपति एवं शहर के नागरिक उपस्थित थे|

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