News Update !
गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘चेम्बर भवन` पर अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा किया गया ध्वजारोहण ग्वालियर 27 जनवरी । गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर चेम्बर अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा प्रात: 9 बजे चेम्बर भवन पर ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल सहित पूर्व अध्यक्ष-डॉ. वीरेन्द्र गंगवाल, पूर्व उपाध्यक्ष-श्री राधाकिशन खेतान, पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-पीताम्बर लोकवानी, ललित गुप्ता, जगदीश मित्तल, कोषाध्यक्ष-श्री ओमप्रकाश अग्रवाल, श्री वसंत अग्रवाल सहित कार्यकारिणी समिति सदस्यगण व सदस्यगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने उपस्थित सभी सदस्य महानुभावों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें दीं। आपने कहा कि आप सभी के स्नेह से आज मुझे चेम्बर भवन पर ध्वजारोहण का अवसर प्राप्त हुआ है। यह मेरे लिए व मेरे सभी साथी पदाधिकारियों के लिए गौरव की बात है। गणतंत्र दिवस पर जब हम ध्वजारोहण करते हैं तब हमें आजादी के लिए शहीद हुए सभी वीर सपूतों को नमन करना चाहिए, मैं उन्हें नमन करता हूं। आपने कहा कि कोरोना महामारी के रूप में हमारे देश में ही नहीं वरन् दुनिया में एक आपदा आई थी। जिसने हमारे कई अपने छीन लिये। इस कोरोना महामारी ने हमें कुछ सिखाया भी है, जब कोरोना का खौफनाक मंजर था और शासन-प्रशासन की व्यवस्थायें विफल हो रही थीं तब हम ही एक-दूसरे के काम आ रहे थे। इसी भावना का परिणाम है कि आज हम सभी एक दूसरे के बीच उपस्थित हैं। यही एकता हमें अपने व्यापारिक जीवन में आगे लेकर जाने की आवश्यकता है। चुनौतियां व्यापारिक एवं औद्योगिक क्षेत्र में दिनोंदिन बढती जा रही हैं। हमारे मझोले व्यापारियों का सामना ऑनलाइन व्यापार से हो रहा है। इसके खिलाफ हम कैसे डटकर खड़े हो पायें, यह हमारी चिंता है। इस पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स आंदोलन के रूप में आपको कार्य करता नजर आयेगा। दूसरी चिंता हमारी व्यापार की सुरक्षा की है। कोरोना के समय कई लोगों का व्यापार जो पीढियों से था, वह खत्म हो गया। उनको जिस मदद की आवश्यकता थी, वह सरकार उपलब्ध कराने में असमर्थ रही। चेम्बर की दूसरी चिंता यह होगी कि प्रत्येक व्यापारी का खुद का व उसके व्यापार एवं उद्योग का बीमा हो। इसके लिए आंदोलन व जागरूकता के माध्यम से इस कार्य को हम सम्पन्न करायेंगे। आपने कहा कि हम सरकार से भी मांग करेंगे कि सरकार एक आपदा-विपदा फण्ड व्यापारियों के लिए बनाये और जब कभी कोई विपदा आये तब हमें उसे फण्ड से ब्याज रहित ऋण मिले, जिसकी आसान किश्तों में वापसी हो। ताकि पीड़ित व्यवसाय/उद्योग वापिस पुर्नस्थापित हो सके। आपने कहा कि सदस्यों की अभिरूचि अनुसार चेम्बर की गतिविधियों से उन्हें जोड़ने व उनका योगदान प्राप्त करने के लिए एक गुगल डाटा फार्म आज लांच किया जा रहा है, जिसमें आप अपना व्यक्तिगत विवरण व जिस विषय/क्षेत्र में आप रूचि रखते हैं, उसे भरकर आप हमें ऑनलाइन ही प्रेषित करेंगे। यह डाटा आपके फार्म भरते ही हमें प्राप्त हो जायेगा। इस डाटा के माध्यम से आप लोगों का भरपूर सहयोग लिया जायेगा और आप सबके माध्यम से ग्वालियर अंचल के व्यापार-उद्योग की तसवीर व तकदीर बदलने का काम चेम्बर ऑफ कॉमर्स करेगा। ग्वालियर के अंदर एक नई औद्योगिक क्रांति आयेगी। यह मैं आपको विश्वास दिला सकता हूँ। इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों द्बारा गूगल डाटा फार्म लाँच किया गया। कार्यक्रम का संचालन मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल तथा आभार कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया।
सम्पत्ति कर शिविर ‘चेम्बर भवन’ में आयोजित 850 सदस्यों ने शिविर में पधारकर, रु. 51 लाख सम्पत्ति कर के रूप में किए जमा ग्वालियर, 25 जनवरी । MPCCI के सदस्यगणों की सुविधा हेतु आज प्रातः 11.30 से सायं 5.00 बजे तक ‘चेम्बर भवन’ में नगर-निगम, ग्वालियर के सहयोग से सभी 66 वार्डो का सम्पत्ति कर शिविर आयोजित किया गया । MPCCI अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि आज के सम्पत्ति कर शिविर में संस्था के लगभग 850 सदस्यों ने अपनी-अपनी सम्पत्ति का कर जमा किया । सम्पत्ति कर के रूप में आज नगर-निगम को रु. 51 लाख की राशि राजस्व के रूप में प्राप्त हुई । पदाधिकारियों ने नगर-निगम से मिले सहयोग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है ।
नवीन पदाधिकारियों ने आज पूजा-अर्चना कर ग्रहण किया पदभार ग्वालियर, 23 जनवरी । म. प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, ग्वालियर के विगत् बुधवार, दिनांक 18 जनवरी को सम्पन्न हुए निर्वाचन में नव-निर्वाचित, अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल ने आज प्रातः 11.00 बजे ‘चेम्बर भवन’ में पधारकर पदभार ग्रहण किया । इस अवसर पर अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहाकि हमारी टीम आज से ही अंचल के व्यापार एवं उद्योग की प्रगति के लिए कार्य करेगी । साथ ही, आप सभी से समय-समय पर विभिन्न बिन्दुओं पर संवाद स्थापित कर, सुझाव लिए जाएँगे और तद्नुसार उन्हें उचित स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा । इस अवसर पर मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल द्वारा उपस्थित सभी साथी पदाधिकारियों एवं नव-निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यगणों सहित सदस्यगणों एवं मीडिया से पधारे हुए प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया गया । पदभार ग्रहण करने के शुभ अवसर पर काफी संख्या में नव-निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यगणों सहित प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के रिपोर्टर्स एवं फोटोग्राफर उपस्थित थे ।
.jpg)
मप्र के पड़ौसी राज्य छत्तीसगढ की भांति प्रदेश के उद्योगों को आवंटित भूमि को 10 वर्ष बाद फ्री होल्ड किया जाए : एमपीसीसीआई ग्वालियर 11 नवम्बर । उद्योगों को आवंटित जमीन को फ्री होल्ड किए जाने के संबंध में म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह जी चौहान को पत्र प्रेषित किया गया है। अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि एमपीसीसीआई सहित प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्बारा उद्योगों को आवंटित भूमि को फ्री होल्ड किए जाने की मांग विगत काफी वर्षों से समय-समय पर की जाती रही है। मध्यप्रदेश के पड़ौसी राज्य छत्तीसगढ द्बारा जनवरी,2022 में उद्योगों को आवंटित भूमि को 10 वर्ष बाद फ्री होल्ड करने का नियम लागू कर दिया गया है, जबकि पूर्व में यह अवधि 30 से 99 वर्ष थी। मध्यप्रदेश सरकार द्बारा छत्तीसगढ राज्य की भांति ही यदि उद्योगों को आवंटित भूमि को 10 वर्ष बाद फ्री होल्ड किया जाता है तो इससे न केवल प्रदेश के उद्योगपतियों की लंबित मांग पूरी होगी वरन् प्रदेश के औद्योगिक निवेश में भी आशातीत वृद्घि होगी। एमपीसीसीआई द्बारा पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि मध्यप्रदेश में उद्योगों को आवंटित भूमि को फ्री होल्ड किया जाए, जिससे मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढावा मिल सके।

प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश न लगाया जाए : एमपीसीसीआई कोरोना के बढते प्रभाव के कारण शासन एवं प्रशासन द्बारा लगाई गई पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने के चलते एमपीसीसीआई ने मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृहमंत्री-डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सांसद-श्री विवेक नारायण शेजवलकर को लिखा पत्र ग्वालियर २७ मार्च| म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा कोरोना के बढते प्रभाव के कारण शासन एवं प्रशासन द्बारा लगाई गई पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने के चलते मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री-श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृहमंत्री-डॉ. नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री-श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं सांसद-श्री विवेक नारायण शेजवलकर को पत्र प्रेषित किये गये हैं| एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया है कि कोरोना की एक महाबीमारी के रूप में पूरी दुनिया में पहचान रही है और भारत वर्ष में इसको एक वर्ष पूर्ण होकर यह दूसरा वर्ष है| प्रथम वर्ष में न तो इस बीमारी से कोई परिचय था और न ही कोई वैक्सीन थी| परिणामत: लॉकडाउन ही एक मात्र सहारा था, जिस पर माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में मध्यप्रदेश को न्यूनतम जनहानि के साथ इस महाबीमारी का हमने सामना भी किया और जब-जब जो निर्णय शासन द्बारा लिये गये उसमें पूर्णत: सहभागिता भी की| वर्तमान में कोरोना का द्बितीय चरण प्रारंभ हुआ है और उसकी गति भी तीव्र हुई है लेकिन सुखद पहलू यह है कि अब हमें इससे निपटने का अनुभव भी आ गया है और वैक्सीनेशन में भी दुनिया में हमने उल्लेखनीय स्थान प्राप्त किया है| पिछले साल कोरोना में लगभग ७५ दिन से भी ज्यादा लॉकडाउन की वजह से उद्योगपति, व्यापारी, श्रमिक, दैनिक वेतन भोगी और दिहाड़ी मजदूरों पर इसका आर्थिक रूप से बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था जिससे वह आज तक उबर नहीं पाये हैं| ऐसी स्थिति में अगर हम ऐसे निर्णय लेंगे जिससे इन गतिविधियों पर बंदिश रहेगी तो अबकी बार जो आर्थिक मार इस वर्ग पर पड़ेगी तो उससे बहुत असमंजस की स्थिति होगी वह तय नहीं कर पायेगा कि इन्हें मानें, इन्हीं नहीं मानने के लिए लड़े, या मिट जाये, जिसकी वजह से हमारे प्रदेश की जो आर्थिक स्थिति है वह भी प्रभावित होगी| वहीं इन्हीं कारणों से प्रदेश में आपराधिक ग्राफ में भी तेजी से वृद्घि होगी| पिछले कोरोना काल से हमने यह सबक सीखा है कि मास्क इससे बचाव का एक बेहतर विकल्प है जिससे हम कोरोना से स्वयं बच सकते हैं व दूसरों को बचा भी सकते हैं| जब-जब माननीय मुख्यमंत्री जी द्बारा एवं उनके द्बारा निर्देशित विभिन्न जिलों की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों द्बारा बंदिशें लगाये जाने के निर्णय लिये जाते हैं उसके पालन में पूरी सरकारी मशीनरी लग जाती है तब जाकर उसका पालन संभव हो पाता है| एमपीसीसीआई ने पत्र के माध्यम से निम्नलिखित सुझाव प्रेषित किए हैं:- १. मास्क ही बचाव है तो जो सरकारी मशीनरी हम बंदिशों का पालन करवाने के लिए लगाते हैं वह पूरी मशीनरी, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल, सामाजिक-व्यवसायिक संगठनों से आव्हान करके हम कड़ाई से मास्क पहनाना सुनिश्चित करें, जिससे लॉकडाउन का निर्णय लेना ही नहीं पड़ेगा| २. पिछले कोरोना काल में एक माह के लिए ही विवाह के मुहूर्त थे और कोरोना की बंदिशों के कारण वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न नहीं हो सके थे| इसके विपरीत यह बात भी तय है कि जब-जब विवाह के मुहूर्त होते हैं, तब-तब व्यापार-उद्योग बहुत तेजी से प्रगति करते हैं| एक वर्ष बाद जून माह तक पुन: विवाह मुहूर्त २३ अप्रैल से प्रारंभ होने जा रहे हैं, ऐसी अवस्था में वैवाहिक कार्यक्रम में अधिकतम ५० व्यक्तियों की संख्या निर्धारित करना, यह सबसे बड़ा आर्थिक गतिविधियों के लिए बाधा वाला निर्णय है| इसके विपरीत मंडियों में, अस्पतालों में, सरकारी रेवेन्यू कार्यालयों में, जनप्रतिनिधियों के मुख्यातिथ्य में होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में इससे अधिक संख्या में भीड़ इकट्ठी होती है| इसलिए हम इस पर पुनर्विचार करते हुए कोविड-१९ के सुरक्षा के उपाय की बाध्यता के साथ मैरिज गार्डन व उसमें खुले मैदान की क्षमता का ५०% की अनुमति प्रदान की जाना चाहिए और इसका कड़ाई से पालन हो यह सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया जाना चाहिए| ३. जिम, सिनेमा, कोचिंग, स्विमिंग पूल जो विगत १०-११ माह बंद रहे हैं| वह कुछ दिवस पूर्व ही ५० प्रतिशत क्षमता के साथ प्रारंभ हुए थ| अब पुन: इन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है| इन व्यवसाय से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है| यदि इन्हें फिर लंबे समय तक के लिए बंद किया गया तो यह इण्डस्ट्री पूरी तरह खत्म हो जायेगी, जिसके दूरगामी परिणाम बहुत घातक होंगे| इसलिए जिम, सिनेमा, कोचिंग, स्विमिंग पूल को भी ५० प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने का निर्णय लिया जाना चाहिए| ४. शहर के अंदर यदि किसी एक विशेष दिन हम लॉकडाउन लगाते हैं तो उस शहर में साप्ताहिक अवकाश नहीं रहेगा इसका भी स्पष्ट उल्लेख करना चाहिए| ५. किसी भी शहर में एक दिन से ज्यादा दिन के लिए लॉकडाउन का निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए| ६. कोरोना के जो पॉजिटिव मरीज निकल रहे हैं उनकी हिस्ट्री को संकलित कराकर हमारे प्रदेश में कोरोना फैलने के प्रमुख कारण को रेखांकित किया जाना चाहिए| जहां तक हमारे द्बारा जानकारी के आधार पर जो निष्कर्ष लिया गया है उसके मुताबिक एक राज्य से दूसरे राज्य, एक शहर से दूसरे शहर व एक देश से दूसरे देश जाने के कारण कोरोना के ग्राफ में वृद्घि हुई है| अगर यह जानकारी कोरोनों मरीजों की हिस्ट्री से निकलकर आती है तो एक राज्य से दूसरे राज्य, एक शहर से दूसरे शहर व एक देश से दूसरे देश जाने पर बंदिशें लगाई जाना चाहिए| ७. इसके साथ ही एक निर्णय पूरे प्रदेश के लिए यह लिया जा सकता है कि रात्रि में बाजार (मेडिकल, खानपान, इमरजेंसी सेवायें को छोड़कर) ९ बजे बंद कर दिये जायें| ८. एक महत्वपूर्ण सुझाव यह भी है कि मुख्यमंत्री जी स्वयं वेबिनार के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक, व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों से उनकी परेशानियां व उनके सुझावों को जानें, जिससे प्रदेश के हित में बेहतर निर्णय लिया जा सके|

ग्वालियर व्यापार मेला में वाहनों पर आरटीओ शुल्क में 50% छूट की अवधि 15 अप्रैल तक की जाए ः एमपीसीसीआई प्रदेश के मुख्यमंत्री-माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसदद्वय-माननीय श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं माननीय श्री विवेकनारायण शेजवलकर सहित परिवहन व राजस्व मंत्री, म. प्र. शासन-माननीय श्री गोविन्द सिंह राजपूत को लिखे पत्र ग्वालियर, 27 मार्च । ग्वालियर व्यापार मेला को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण बंद किए जाने के आदेश जारी किए जाने का एमपीसीसीआई द्वारा विरोध करते हुए, आज प्रदेश के मुख्यमंत्री-माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, सांसदद्वय-माननीय श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया एवं माननीय श्री विवेकनारायण शेजवलकर सहित परिवहन व राजस्व मंत्री, म. प्र. शासन-माननीय श्री गोविन्द सिंह राजपूत को पत्र लिखकर माँग की है कि * वाहनों की दि. 15 अप्रैल तक के विक्रय पर 50% की छूट प्रदान की जाए । इस आशय का संशोधित आर.टी.ओ. संबंधी आदेश प्रसारित किया जाए । * मेले को सेक्टर वाइज बंद करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया जाए । * जो दुकानदार मेला में दि. 15 अप्रैल से पूर्व अपना व्यवसाय समेटते हैं, उन्हें उनके 15 अप्रैल तक के किराए एवं बिजली के बिल की राशि आनुपातिक रूप से उनको वापिस की जाए अथवा आगामी वर्ष की बुकिंग में समायोजित किए जाने संबंधी आदेश जारी किए जाएँ । एमपीसीसीआई, अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति मे कहा है कि पूर्व में म. प्र. परिवहन विभाग द्वारा मेला अवधि दि. 15 अप्रैल,21 तक ग्वालियर व्यापार मेला से क्रय किए जाने वाले वाहनों को आरटीओ शुल्क में 50% की छूट दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे । उक्त आदेश को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर वासियों द्वारा विभिन्न प्रकार के वाहन बुक किए गए हैं और उन वाहनों की डिलेवरी आगामी 15 अप्रैल तक होने वाली है । बावजूद इसके मेला को 28 मार्च से बंद किए जाने का आदेश समझ से परे है । पदाधिकारियों ने कहा है कि यह बात सही है कि कोरोना के द्वितीय लहर का प्रभाव बढ़ रहा है, लेकिन सकून इस बात का है कि अब यह महामारी अपरिचित नहीं है । इसके बारे में हमारे डॉक्टर और आमजन परिचित हुए है । यह भी सही है कि कोरोना कभी खत्म होने वाला नहीं है । अब हमें कोरोना के साथ ही जीना सीखना है और यदि इस द्वितीय लहर की कोरोना में मृत्यु की डेथ ऑडिट करवाएँगे, तो और बेहतर निष्कर्ष पर हम पहुँच सकते हैं । एमपीसीसीआई द्वारा भेजे गए पत्रों में उल्लेख किया गया है कि ग्वालियर व्यापार मेला को लेकर प्रारम्भ में चूंकि यह घोषणा की गई थी कि मेला अवधि दो माह की होगी, यानि की दि. 15 अप्रैल,21 तक की रहेगी । कोरोना की द्वितीय लहर को ध्यान में रखते हुए, जब जिलाधीश द्वारादि. 22 मार्च को जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें संस्था के मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल उपस्थित थे । उक्त बैठक में यह तय हुआ था कि व्यापारियों के हितों को संरक्षित करते हुए, मेला को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जाएगा, परन्तु जो आदेश जारी हुआ है, उसमें सेक्टर वाइज बंद न करते हुए सम्पूर्ण मेला को बंद करने का उल्लेख है । जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि कई सेक्टर के व्यवसाई ऐसे हैं, जिनकी दुकानें अथवा शोरूम कुछ दिवस पूर्व ही तैयार हुए हैं । इसलिए मेला को चरणबद्ध रूप में बंद किया जाना आवश्यक है । पदाधिकारियों ने कहा है कि, ग्वालियर व्यापार मेला में आरटीओ छूट का जो आदेश निकाला गया है, उसमें मेला अवधि का उल्लेख करते हुए, मेला अवधि तक छूट दिए जाने का उल्लेख है और माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मेला उद्घाटन के अवसर पर इसकी अवधि निर्धारित की गई थी, वह 15 फरवरी से 15 अप्रैल,21 तक थी । अतः जिन लोगों को वाहन की आवश्यकता है, उन्होंने 15 अप्रैल तक के वाहनों की उपलब्धता के आधार पर अपनी बुकिंग कराई है । अतः इस आदेश में मेला अवधि के स्थान पर दि. 15 अप्रैल तक के बिके वाहनों पर 50% आरटीओ की छूट का उल्लेख करते हुए आदेश निकाले जाने की आवश्यकता है ।