ग्वालियर, 29 जुलाई । MPCCI एवं GMA के संयुक्त तत्वावधान में ‘संघर्ष से सफलता’ का बेहतर उदाहरण सम्पूर्ण विश्व में प्रस्तुत करने वाले ‘मुंबई डब्बेवाला’ संगठन के अनुभव एवं उनके मैनेजमेंट सिस्टम पर आज एक मोटिवेशनल कार्यक्रम का आयोजन ‘चेम्बर भवन’ में किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मुंबई डब्बेवाला संगठन के अध्यक्ष-श्री रघुनाथ मेडगे थे ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल एवं जीएमए के सचिव-श्याम अग्रवाल द्वारा फल की टोकरी भेंट कर, मुंबई डब्बेवाला संगठन के अध्यक्ष-श्री रघुनाथ मेडगे का ‘चेम्बर ऑफ कॉमर्स’ में पधारने पर आत्मीय स्वागत् किया ।
इस अवसर पर अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए, डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहाकि MPCCI एवं GMA के संयुक्त तत्वावधान में आज आयोजित इस कार्यक्रम में मुम्बई से पधारे, श्री रघुनाथ मेडगे जी का मैं अपनी ओर से एवं संस्था के सभी पदाधिकारियों की ओर से आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ, वंदन करता हूँ, अभिनन्दन करता हूँ । आपने इस अवसर पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के गौरवशाली इतिहास के संबंध में परिचय कराते हुए बताया कि हमारी यह संस्था 118 वर्ष पुरानी है । इसकी स्थापना सिंधिया राजवंश के तत्कालीन महाराजा स्व. श्रीमंत माधवराव जी सिंधिया (प्रथम) द्वारा की गई थी । हमारी इस 118 वर्ष की यात्रा में इस संस्था में देश की जानी-मानी हस्तियों का अलग-अलग अवसरों पर आगमन हुआ है । इसमें वर्ष-1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री-श्री एच.डी. देवगौड़ा, तत्कालीन वित्तमंत्री, भारत सरकार-श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह एवं श्री मनमोहन सिंह जी सहित संस्था के 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित ‘शताब्दी समारोह’ में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति, भारत रत्न, महामहिम डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब, मुख्य अतिथि के रूप में पधारे थे और उन्होंने इस अवसर पर संस्था पर डाक विभाग द्वारा जारी किए गए ‘डाक टिकिट’ का अपने हाथों से विमोचन किया था, जो कि हमारे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि इसलिए है क्योंकि डाक टिकिट का विमोचन भारत के किसी राष्ट्रपति द्वारा यह प्रथम बार था । इस अवसर पर आपने निम्न पंक्तियों से श्री रघुनाथ जी का अभिनन्दन किया ः-
जो पानी में नहाते हैं, वह लिवास बदल सकते हैं, परन्तु जो पसीने से नहाते हैं, वह इतिहास बदल सकते हैं ।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थी मैनेजमेंट की पढ़ाई अनेक किताबे बढ़कर करते हैं फिर उस पर अमल करते है, परन्तु मुंबई डिब्बे वालों ने पहले मैनेजमेंट पर अमल किया और उसके बाद उनका मैनेजमेंट पूरे विश्व में एक केस स्टडी का विषय बन गया है । आपका 130 वर्ष से अधिक पुराना कारोबार है । पाँच हजार से अधिक व्यक्ति इससे जुड़े हुए हैं, जिनमें 85% अशिक्षित है और 15% केवल 8वीं कक्षा पास हैं । इनके लिए ग्राहक राजा नहीं बल्कि महाराजा होता है । क्वालिटी रेटिंग में यह 6 सिगमा प्राप्त कर चुके हैं । ब्रिटेन के प्रिन्स चार्ल्स आपके यहाँ आ चुके हैं और अपनी शादी में आपको आमंत्रित भी किया था, जिसमें आप शामिल भी हुए ।
इस अवसर पर क्या है मुंबई डिब्बेवाला संगठन का परिचय वीडियों के माध्यम प्रस्तुत किया गया ।
तत्पश्चात् संघर्ष से सफलता के परिचायक एवं मुंबई डब्बेवाला संगठन के अध्यक्ष-श्री रघुनाथ मेडगे जी ने अपने उद्बोधन में कहाकि हमारे द्वारा अंग्रेजों के जमाने से इसकी शुरूआत की गई थी और आज मैं तीसरी पीढ़ी में इस बिरासत को आगे कुशल प्रबंधन के साथ संचालन कर रहा हूँ । आपने कहाकि नूतन हाउस के नाम से इस डिब्बे वाली संस्था की स्थापना सन्-1890 में 100 डिब्बों के साथ शुरूआत की गई । वर्ष-1956 में चेरिटेवल ट्रेस्ट के रूप में इसका पंजीयन कराया गया । आज प्रतिदिन लगभग 04 लाख डिब्बों का ट्रांजेक्शन संस्था द्वारा समय की पावंदी के साथ किया जा रहा है । आज हमारे संगठन में लगभग 05 हजार कर्मचारी है और वह मेहनत करके 15 से 20 हजार रुपये की प्रतिमाह आमदनी कर लेते हैं । हमारे द्वारा मात्र 01 हजार रुपये मासिक शुल्क में टिफिन पहुँचाए जाते हैं । इस सेवा में सबसे बड़ा सहयोग सायकल एवं लोकल ट्रेन का है । आपने कहा कि हमारा जो चैन सिस्टम है, वह देश के लगभग सभी आईआईएम संस्थानों में पढ़ाया जाता है और मैं स्वयं भी नई दिल्ली, चैन्नई सहित अहमदाबाद आदि आईआईएम में प्रबंधन की पढ़ाई कर रहे छात्रों को मोटीवेट करने हेतु जा चुका हूँ ।
अपने उद्बोधन में अध्यक्ष-श्री रघुनाथ मेडगे जी ने काफी जोर देकर कहा कि हमारे इस कार्य में ज्यादा पढ़े लिखे लोगों का काम नहीं है, हमारा कार्य मेहनतकश लोगों का है । कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति ज्यादा शारीरिक परिश्रम, अनुशासन के साथ कर सकता है । आपने कहा कि हमारे सभी साथी लोग 99% हमारी बात सुनते ही नहीं अपितु उस पर गंभीरता से अमल भी करते हैं । हमारे सभी लोग प्रतिदिन लगभग 70 किलो मीटर की लम्बाई को कबर करते हैं और इसमें सबसे बड़ी भूमिका सायकल एवं लोकल ट्रेन की होती है । आपने कहाकि हमारे साथी सुबह घर से निकलते हैं और घर-घर से टिफिन एकत्रित करके, 9.30 बजे रेलवे स्टेशन पर पहुँच जाते हैं और 10.30 बजे तक ट्रेन में चढ़कर, दोपहर में ठीक 12.30 बजे तक संबंधित व्यक्ति के पास उसका डिब्बा (लंच बॉक्स) पहुँचा देते हैं । हमारे संगठन में अनुशासन, समर्पण, समय की पाबंदी, किसी भी प्रकार का नशा करने पर सख्त पावंदी हैं । बावजूद इसके यदि कोई नशा सहित पाया जाता है, तब उसके ऊपर रु. एक हजार का जुर्माना लगाया जाता है । साथ ही, सभी लोगों को टोपी पहनना एवं आई कार्ड रखना अनिवार्य है । आपने कहाकि हमारे संगठन में आज तक किसी भी प्रकार की कोई हड़ताल नहीं हुई है और आज कई डिब्बे वाले हमारे संगठन के शेयर होल्डर बन चुके हैं । आपने बताया कि टिफिन बास्केट का वजन 60 से 65 किलो ग्राम होता है । दीपावली के अवसर पर सभी कर्मचारियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन, बोनस के रूप में दिया जाता है ।
इस अवसर पर आपने बताया कि बीबीसी द्वारा हमारे संगठन पर एक डाक्यूमेन्ट्री बनाई जा चुकी है । साथ ही, 26 जनवरी,2010 को हमारे संगठन को भारत सरकार द्वारा महाराष्ट्र की झाँकी में शामिल किया गया और हमारी झाँकी को इसमें प्रथम पुरस्कार मिला था । आपने बताया कि देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति, श्री मुकेश अंबानी जी ने अपने स्कूल में मुझे बच्चों को मोटीवेट करने हेतु आमंत्रित किया था, जिस पर मेरे द्वारा लगातार आठ दिवस छात्रों को मोटीवेट किया गया ।
इस अवसर पर श्री रघुनाथ मेडगे जी को चेम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से स्मृति चिन्ह, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल जी द्वारा तथा जीएमए की ओर से संयुक्त सचिव, इंजी. मोहित वर्मा द्वारा प्रदान किया गया तथा अंत में आभार व्यक्त जीएमए के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-डॉ. मनोज पटवर्द्धन द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल सहित पूर्व उपाध्यक्ष-श्री जी. एल. भोजवानी, श्री आर. के. खेतान, पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-श्री ललित गुप्ता एवं पीताम्बर लोकवानी सहित काफी संख्या में कार्यकारिणी सदस्यगण एवं सदस्यगण व शहर के प्रबुद्धजन उपस्थित थे ।
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